नई दिल्ली:भारत के उस एक छोटे से खत में क्या है जिससे 240 मिलियन पाकिस्तानियों की सांसें फूल गईं

नई दिल्ली:जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का ऐलान कर दिया है। इस फैसले के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। भारत सरकार ने साफ किया है कि पाकिस्तान ने संधि के प्रावधानों का उल्लंघन किया है और भारत के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा देकर उसके अधिकारों का हनन किया है। इस आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई और कई घायल अभी अस्पतालों में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं।
हमले के पीछे पाकिस्तान की भूमिका को देखते हुए भारत ने सख्त कदम उठाते हुए पाकिस्तान सरकार को एक औपचारिक पत्र भेजा है। जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी ने पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव सैयद अली मुर्तजा को यह पत्र लिखा, जिसमें स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि भारत सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर रहा है।
पत्र में उल्लेख किया गया है कि यह संधि अच्छे संबंधों के आधार पर की गई थी, लेकिन जब रिश्तों में विश्वास न हो, तो इसे कायम नहीं रखा जा सकता। भारत ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से लगातार जम्मू-कश्मीर को निशाना बनाया जा रहा है और सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे भारत के सिंधु जल संधि के अंतर्गत मिलने वाले अधिकार प्रभावित हो रहे हैं।
भारत सरकार के इस पत्र में यह भी लिखा गया है कि सुरक्षा संबंधी अनिश्चितताओं ने भारत के अधिकारों को बाधित किया है और जब भारत ने कई बार आपत्ति जताई, तब भी पाकिस्तान की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई, जो संधि का सीधा उल्लंघन है। इसी आधार पर भारत ने सिंधु जल संधि को अनुच्छेद XII (3) के तहत संशोधित करने की भी मांग की है।
भारत सरकार के इस छोटे से पत्र ने पाकिस्तान की सरकार की नींद उड़ा दी है और वहां की 240 मिलियन आबादी की सांसें थमा दी हैं। भारत अब किसी भी सूरत में पाकिस्तान को जवाब देने के मूड में है और इसके तहत एक के बाद एक कठोर फैसले लिए जा रहे हैं।





