महंगाई की मार:पाकिस्तान में चीनी की बढ़ती कीमतों से हड़कंप

महंगाई :पाकिस्तान में चीनी की कीमतों में भारी उछाल के कारण आम लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। खुदरा बाजार में चीनी 170-180 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुकी है, जिससे कई इलाकों में हाहाकार मच गया है। रावलपिंडी और खैबर-पख्तूनख्वा में चीनी को लेकर मारामारी हो रही है, और व्यापारियों ने हड़ताल की धमकी दी है।
व्यापारियों का कहना है कि सरकार की आयात-निर्यात नीति ने उन्हें फंसा दिया है। वे 163 रुपये किलो में चीनी खरीदते हैं, लेकिन सरकार चाहती है कि इसे 164 रुपये किलो में बेचा जाए, जो संभव नहीं है।
चीनी की बढ़ती खपत और डायबिटीज संकट
पाकिस्तान के खाद्य विभाग के अनुसार, 2024 में देश में 603 टन चीनी की खपत हुई, जो 2023 से 3% अधिक है। दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान में करीब 3 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, जो कुल आबादी का 26% है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले वर्षों में पाकिस्तान डायबिटीज का एपिक सेंटर बन सकता है।
कीमतों में उछाल के पीछे के कारण
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल चीनी का उत्पादन 100 टन कम हुआ है, जिससे बाजार में आपूर्ति प्रभावित हुई। रमजान के कारण चीनी की मांग भी बढ़ गई है, जिससे कीमतें आसमान छू रही हैं।
शहबाज शरीफ सरकार ने शुरू में इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन हालात बिगड़ने के बाद खुदरा बाजार में कीमत तय करने का आदेश दिया। सरकार का कहना है कि कालाबाजारी रोकने से कीमतें कम हो सकती हैं, लेकिन अब तक इसका असर नहीं दिखा है।
सरकार का दावा – सब कुछ नियंत्रण में
हालांकि जनता महंगाई से परेशान है, सरकार का दावा है कि स्थिति नियंत्रण में है। वित्त मंत्री का कहना है कि अगर आर्थिक स्थिति ऐसे ही बनी रही तो महंगाई पर जल्द काबू पा लिया जाएगा। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।