पंडित नेहरू को 3259 दिन जेल में रखने वाले आरोप कौन-कौन से थे?

नई दिल्ली, 27 मई 2025 —
देश के पहले प्रधानमंत्री और आधुनिक भारत के निर्माता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने आज़ादी की लड़ाई के दौरान नौ बार जेल यात्रा की और कुल 3259 दिन यानी लगभग नौ साल ब्रिटिश हुकूमत की जेलों में बिताए। उनकी पहली गिरफ्तारी 1921 में हुई थी, जब कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को गैरकानूनी घोषित कर अंग्रेजों ने गिरफ्तार किया था।
नेहरू पर लगाए गए आरोपों में प्रमुख रूप से देशद्रोह, नमक कानून का उल्लंघन, नो-टैक्स मूवमेंट का नेतृत्व, और व्यक्तिगत सत्याग्रह शामिल थे। 1930 में नमक सत्याग्रह में भाग लेने पर उन्हें जेल भेजा गया। अक्टूबर 1930 में देशद्रोह के आरोप में दो साल की सजा मिली, लेकिन 97 दिन बाद रिहा कर दिया गया। फिर 1934 में कोलकाता में दिए गए भाषणों के कारण उन्हें दोबारा देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया और लगभग डेढ़ साल बाद रिहा हुए।
1940 में व्यक्तिगत सत्याग्रह करने के चलते नेहरू को फिर जेल जाना पड़ा। 1942 के ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में अन्य नेताओं के साथ उन्हें अहमदनगर किले में बंद किया गया — यह उनकी सबसे लंबी जेल यात्रा थी, जिसमें उन्होंने लगभग तीन साल बिताए।
नेहरू का जेल जाना सिर्फ एक राजनीतिक विरोध नहीं था, बल्कि ब्रिटिश सत्ता को सीधी चुनौती देने का प्रतीक भी था। उन्होंने न केवल स्वतंत्रता संग्राम को नेतृत्व प्रदान किया, बल्कि भारत में लोकतांत्रिक चेतना को भी मजबूती दी।
आज उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर यह याद करना जरूरी है कि कैसे उन्होंने अपने जीवन के महत्वपूर्ण वर्ष आज़ादी के लिए समर्पित कर दिए और अंग्रेजी हुकूमत के कड़े कानूनों और उत्पीड़न का सामना करते हुए भी कभी झुके नहीं।





