म्यूल बैंक खातों पर सख्ती: एसपी भावना गुप्ता ने बैंक प्रबंधकों के साथ की बैठक, केवाईसी प्रक्रिया मजबूत करने के निर्देश

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। जिले में साइबर फ्रॉड और म्यूल बैंक खातों के बढ़ते मामलों को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने जिले के सभी बैंकों के प्रबंधकों के साथ एक अहम बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य बैंकिंग सिस्टम में म्यूल खातों के दुरुपयोग को रोकना और साइबर अपराधों पर नियंत्रण पाना था।
साइबर अपराधों में म्यूल खातों का इस्तेमाल
एसपी भावना गुप्ता ने बैठक में बैंक वार आंकड़ों के साथ जानकारी साझा की और बताया कि जिले में कई म्यूल बैंक खाते सक्रिय हैं। ये खाते साइबर अपराधियों द्वारा धोखाधड़ी और अवैध लेन-देन के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। इस तरह के खातों का पता लगाना और उन पर कड़ी कार्रवाई करना अब प्रशासन की प्राथमिकता है।
केवाईसी प्रक्रिया को मजबूत करने के निर्देश
पुलिस अधीक्षक ने सभी बैंक प्रबंधकों को निर्देश दिया कि वे केवाईसी (Know Your Customer) प्रक्रिया को और मजबूत करें। खासतौर पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खुलने वाले खातों पर नजर रखने और उनकी जांच करने को कहा गया है। उन्होंने यह भी साफ किया कि बैंक प्रबंधन को हर संभव सावधानी बरतनी होगी, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों को रोका जा सके।
बैंक कर्मियों की भूमिका पर सवाल
बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि कई मामलों में बैंक कर्मियों की जानबूझकर या अनजाने में संलिप्तता हो सकती है। एसपी ने बैंक प्रबंधकों से कहा कि वे अपने कर्मचारियों को भी जागरूक करें और नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें।
सहयोग और सुरक्षा पर जोर
पुलिस अधीक्षक ने बैंक प्रबंधकों से अपील की कि वे पुलिस के साथ बैंक खातों की जानकारी साझा करें। यह सहयोग साइबर अपराधों पर नियंत्रण में मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि यदि बैंक और पुलिस आपसी तालमेल के साथ काम करेंगे तो जिले में साइबर अपराधों पर प्रभावी तरीके से रोक लगाई जा सकेगी।
साइबर सुरक्षा के लिए मिलकर काम करने की जरूरत
बैठक के अंत में यह सहमति बनी कि बैंक प्रबंधन और पुलिस मिलकर म्यूल खातों के दुरुपयोग को रोकने के लिए पूरी ताकत से काम करेंगे। साथ ही, लोगों को भी जागरूक किया जाएगा ताकि वे किसी भी तरह के फ्रॉड से बच सकें।