कांकेर में नेशनल लोक अदालत का आयोजन, हजारों मामलों का हुआ निपटारा

कांकेर। जिला एवं सत्र न्यायालय कांकेर में शनिवार को प्रथम नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार संपन्न हुआ। लोक अदालत का शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश आनंद ध्रुव ने किया। इस दौरान अदालत में 29,951 मामलों का त्वरित एवं आपसी सहमति से निराकरण किया गया।
10 खंडपीठों में हुआ सुनवाई का आयोजन
लोक अदालत के लिए जिले में कुल 10 खंडपीठ गठित किए गए थे। इनमें से कांकेर में 6, भानुप्रतापपुर में 2 और पखांजूर में 2 खंडपीठ बनाई गईं। इन अदालतों में लंबित और प्री-लिटिगेशन मामलों को सुना गया और आपसी सहमति से सुलझाया गया।
लंबित मामलों में 3034 का हुआ निपटारा
लोक अदालत में लंबित मामलों की तेजी से सुनवाई की गई। 3284 लंबित मामलों में से 3034 मामलों का निपटारा किया गया, जिससे 3 करोड़ 43 लाख 34 हजार 980 रुपये की राशि का अवार्ड पारित किया गया।
प्री-लिटिगेशन मामलों में 20 हजार से अधिक मामलों का समाधान
प्री-लिटिगेशन मामलों में बैंक ऋण वसूली, बिजली और पानी के बिल तथा टेलीफोन बिल जैसे कुल 32,544 मामलों को शामिल किया गया था। इनमें से 20,917 मामलों का सफल निपटारा किया गया और 2 करोड़ 24 लाख 17 हजार 381 रुपये की राशि पारित की गई।
कुल 5.67 करोड़ रुपये की राशि का अवार्ड पारित
लंबित और प्री-लिटिगेशन मामलों को मिलाकर 5 करोड़ 67 लाख 52 हजार 361 रुपये की राशि का अवार्ड पारित किया गया। यह लोक अदालत लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित हुई, जिससे उन्हें लंबित मामलों से राहत मिली।
निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन
लोक अदालत में आने वाले लोगों की सुविधा के लिए निःशुल्क चिकित्सा जांच शिविर का भी आयोजन किया गया। इसमें 45 लोगों के रक्तचाप (बीपी), शुगर आदि की जांच की गई। यह सेवा विशेष रूप से बुजुर्गों और दूरदराज से आए लोगों के लिए लाभकारी रही, जिससे उन्हें अपने स्वास्थ्य की जानकारी मिली और जरूरी परामर्श भी दिया गया।
लोक अदालत से मिला आम जनता को लाभ
लोक अदालत का उद्देश्य तेजी से न्याय दिलाना और आपसी सहमति से विवादों को सुलझाना होता है। इस अदालत में लोगों को मुफ्त में कानूनी समाधान मिला, जिससे उनके समय और पैसे की बचत हुई। लोक अदालत में सुलझाए गए मामलों से लोगों को काफी राहत मिली और यह न्याय प्रक्रिया को सरल एवं प्रभावी बनाने में सहायक साबित हुआ।