Government Order: सरकारी ऑफिस में मराठी अनिवार्य, उल्लंघन करने वालों पर एक्शन

मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी और सेमी-गवर्नमेंट ऑफिसों में सभी तरह के संवाद के लिए मराठी को अनिवार्य कर दिया है। इसके तहत सरकारी दफ्तरों, नगर निकायों, निगमों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों में मराठी का उपयोग करना होगा।
3 फरवरी को राज्य के योजना विभाग ने एक नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें कहा गया है कि यदि कोई अधिकारी इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार के अनुसार इस नीति का उद्देश्य मराठी भाषा का संरक्षण और प्रचार करना है, ताकि सरकारी कामकाज में मराठी का अधिक इस्तेमाल हो सके। 2024 में मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने के बाद, सरकार ने इसे और भी बढ़ावा देने की योजना बनाई है। सरकारी कर्मचारियों को नियमों का पालन न करने पर सीनियर अधिकारियों से शिकायत करने की सुविधा दी गई है, और जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
नए आदेश के मुताबिक
- सरकारी दफ्तरों में सभी दस्तावेज, नोटिस और निर्देश बोर्ड मराठी में होने चाहिए।
- सरकारी कंप्यूटर की कीबोर्ड और प्रिंटर पर मराठी देवनागरी लिपि में टैक्स्ट लिखा जाएगा।
- सरकारी दफ्तरों में आने वाले लोग मराठी में ही संवाद करेंगे। केवल विदेशी या गैर-मराठी लोग को छूट दी जाएगी।
- नए व्यवसायों को अपना नाम मराठी में रजिस्टर करना होगा, बिना अंग्रेजी अनुवाद के।