बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी बीजेपी, बिहार दिवस पर बड़े कार्यक्रम की योजना

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आगामी बिहार विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए बिहार दिवस के माध्यम से व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाने का फैसला किया है। पार्टी इस अभियान के जरिए बिहारी गौरव और अस्मिता को बढ़ावा देने की कोशिश करेगी।
बिहारी गौरव पर ज़ोर, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन
बीजेपी ने तय किया है कि 22 मार्च को पूरे देश में बिहार दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। ये कार्यक्रम 22 से 30 मार्च तक चलेंगे, जिसमें बिहार के भीतर और बाहर रहने वाले बिहारी प्रवासियों को भी जोड़ा जाएगा।
इस अभियान में विशेष रूप से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा, जिनमें बिहार के लोक कलाकार हिस्सा लेंगे। इसके साथ ही सहभोज का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें पारंपरिक बिहारी व्यंजन परोसे जाएंगे। पार्टी का उद्देश्य है कि प्रवासी बिहारी समाज के बीच अपनापन और गर्व की भावना को प्रोत्साहित किया जाए।
एनडीए सरकार की उपलब्धियों का प्रदर्शन और समर्थन की अपील
कार्यक्रम के दौरान एनडीए सरकार की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। नेताओं को यह निर्देश दिया गया है कि वे प्रत्येक कार्यक्रम में कम से कम 1000 बिहार मूल के लोगों की उपस्थिति सुनिश्चित करें। इसके अलावा, इन कार्यक्रमों की तस्वीरें और संदेशों को सोशल मीडिया पर भी प्रचारित किया जाएगा।
बीजेपी का मकसद चुनाव से पहले बिहारी अस्मिता को बढ़ावा देना और प्रवासी बिहारियों का समर्थन हासिल करना है। इसके साथ ही पार्टी एनडीए सरकार के विकासात्मक कार्यों को भी जनता के सामने रखेगी।
अमित शाह का बिहार दौरा
बीजेपी के इस अभियान को और मजबूती देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी बिहार का दौरा करेंगे। खबरों के मुताबिक, वह 27 और 28 मार्च को बिहार में रहेंगे और इस दौरान बीजेपी और एनडीए के नेताओं के साथ चुनावी तैयारियों पर चर्चा करेंगे।
हाल ही में जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने अमित शाह से मुलाकात की है। यह बैठक संसद भवन में हुई जिसमें बिहार में एनडीए की चुनावी रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गई।
बीजेपी का बिहार दिवस अभियान साफ तौर पर यह दिखाता है कि पार्टी इस बार प्रवासी बिहारियों को जोड़कर चुनावी रणनीति तैयार कर रही है। पार्टी ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए बड़े स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करने का लक्ष्य रखा है। अब देखना यह है कि यह रणनीति चुनाव में किस हद तक कारगर साबित होती है।