केरल में वायनाड भूस्खलन: अब तक 415 नमूने डीएनए परीक्षण के लिए भेजे गए
वायनाड: वायनाड में 30 जुलाई को भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों से 415 नमूने डीएनए परीक्षण के लिए भेजे गए हैं. सेना, विशेष अभियान समूह, अग्निशमन एवं बचाव सेवाओं तथा वन विभाग द्वारा कई स्वयंसेवकों के साथ चलाए गए तलाशी अभियान में 206 शरीर के अंग बरामद किए.राजस्व मंत्री के राजन ने बताया कि शव के 52 अंगों की और जांच की जरूरत होगी क्योंकि वे सड़ चुके हैं. राजन के अनुसार अब तक 115 लोगों के रक्त के नमूने एकत्र किए जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि बिहार के तीन मूल निवासियों के रिश्तेदारों के रक्त के नमूने अब उपलब्ध हैं.
मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,’इस बीच, अस्थायी पुनर्वास के लिए हैरिसन मलयालम श्रमिक यूनियनों को उन 53 घरों की सुरक्षा और प्रबंधन पर एक रिपोर्ट प्रदान करने के लिए कहा गया है जो अब प्रदान किए जाने के लिए तैयार हैं. ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों और प्रबंधन प्रतिनिधियों को निरीक्षण करने और रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है. मेप्पाडी, मुपैनाद, वैथिरी, कलपट्टा, मुत्तिल और अंबालाव्याल स्थानीय स्वशासन सीमा में पूरी तरह सुसज्जित बस्ती बनाने का इरादा है.
बुधवार को सभी दलों के नेतृत्व में किराये के मकानों की जांच की जाएगी. मंत्री ने आगे बताया कि पंचायत सदस्यों, राजस्व अधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं वाली पांच सदस्यीय समिति स्थानीय स्वशासन सीमा के भीतर उपलब्ध मकानों की पहचान करेगी और उनकी रिपोर्ट देगी. इस बीच कैबिनेट उपसमिति ने यह भी बताया कि आपदा पीड़ितों के लिए शिविरों में लगाए गए विशेष अभियान के तहत अब तक 1368 प्रमाण पत्र प्रदान किए जा चुके हैं.
कलेक्ट्रेट मिनी कांफ्रेंस हॉल में आयोजित प्रेस वार्ता में कैबिनेट उपसमिति के सदस्य के. राजन, एके ससीन्द्रन, ओआर केलू और जिला कलक्टर डीआर मेघश्री मौजूद थे. वायनाड की स्थिति के बारे में बोलते हुए केरल के वन मंत्री ए.के. ससीन्द्रन ने कहा, ‘नीलाम्बुर क्षेत्र से तीन और शव के अंग बरामद किए गए हैं. अब तक 231 शव और लगभग 206 शरीर के अंग बरामद किए जा चुके हैं. वर्तमान में 12 शिविरों में कुल 1505 लोग रह रहे हैं और 415 नमूने डीएनए परीक्षण के लिए भेजे गए हैं.’
अस्पताल में लाए गए शवों के अंगों की जांच की जाएगी. मंगलवार को भी नीलांबुर-वायनाड इलाकों में तलाशी अभियान जारी रहा. तलाशी अभियान में एनडीआरएफ, अग्निशमन बल, नागरिक सुरक्षा, पुलिस और वन विभाग के बल और स्वयंसेवक शामिल थे. मंगलवार को 260 स्वयंसेवकों ने मुंडाकाई-चुरलमाला आपदा क्षेत्रों में तलाशी अभियान चलाया. निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य चुरलमाला पुल के नीचे जंगल से होकर बहने वाली नदी के किनारों पर था. मलप्पुरम जिले के चलियार में मंगलवार को विस्तृत तलाशी अभियान जारी रहा