हाईकोर्ट के आदेश पर स्कूल टॉयलेटों का होगा कायाकल्प

हाईकोर्ट:उच्च न्यायालय बिलासपुर ने शासकीय स्कूलों में शौचालयों की दयनीय स्थिति पर संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार किया। अदालत ने निर्देश दिया कि सरकारी स्कूलों में मौजूद शौचालयों की मरम्मत की जाए और जहां आवश्यक हो, वहां नए शौचालयों का निर्माण कराया जाए। हाईकोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने इस पर तेजी से काम शुरू कर दिया है और शौचालय निर्माण व मरम्मत के लिए कार्ययोजना तैयार की है।
कलेक्टर अवनीश शरण ने 150 नए शौचालयों के निर्माण के लिए 1.51 करोड़ रुपये और 454 स्कूलों में शौचालयों की मरम्मत के लिए 97 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। इस योजना के तहत प्रत्येक नए टॉयलेट के निर्माण पर 1 से 2 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। मरम्मत कार्यों के लिए छोटी मरम्मत के लिए प्रति टॉयलेट 25 हजार रुपये और बड़ी मरम्मत के लिए 40 हजार रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।
इस योजना के तहत कुल 147 नए शौचालय बनाए जाएंगे, जिनमें 76 बालकों के लिए और 71 बालिकाओं के लिए होंगे। इन कार्यों के सुचारू क्रियान्वयन के लिए नगर निगम, जनपद पंचायत और नगर पंचायत को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
स्कूलों में शौचालयों की बदतर स्थिति लंबे समय से एक गंभीर समस्या बनी हुई थी, जिससे छात्रों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा था। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद अब सरकार ने इस दिशा में कदम उठाते हुए सुधार कार्य शुरू किया है। यह योजना स्कूलों में स्वच्छता को बढ़ावा देने और छात्रों को बेहतर शौचालय सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
सरकारी स्कूलों में शौचालयों की मरम्मत और निर्माण कार्य जल्द ही शुरू कर दिए जाएंगे। इससे न केवल स्वच्छता का स्तर सुधरेगा, बल्कि विद्यार्थियों की उपस्थिति और पढ़ाई पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।