सचिन तेंदुलकर का शुभमन गिल को गुरुमंत्र

क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने शुभमन गिल को कप्तानी के इस नए अध्याय में धैर्य, आत्मविश्वास और फोकस की सलाह दी है।
PTI को दिए इंटरव्यू में तेंदुलकर ने कहा:
उसे (गिल को) समय और सहयोग देना जरूरी है। बाहर की बातों पर ध्यान दिए बिना, उसे सिर्फ टीम रणनीति और ड्रेसिंग रूम के माहौल पर फोकस करना चाहिए।”
तेंदुलकर ने स्पष्ट किया कि कप्तानी करते वक्त बाहर से कई तरह की राय आएंगी – कोई कहेगा गिल बहुत आक्रामक है, तो कोई कहेगा वह रक्षात्मक खेल रहा है। लेकिन असली मायने ये रखते हैं कि टीम के हित में निर्णय लिए जा रहे हैं या नहीं।
कप्तान गिल के सामने चुनौतियां
25 साल के शुभमन गिल को ऐसे समय में कप्तानी मिली है जब भारतीय टेस्ट टीम में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है:
विराट कोहली, रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन जैसे दिग्गज संन्यास ले चुके हैं
टीम अपेक्षाकृत युवा और अनुभवहीन है
इंग्लैंड की तेज गेंदबाजी के सामने भारतीय बल्लेबाजों की परीक्षा होगी
बल्लेबाजी में लचीलापन ज़रूरी: तेंदुलकर
इंग्लैंड में 1990 से 2011 तक 5 टेस्ट सीरीज खेल चुके तेंदुलकर ने बल्लेबाजों को सलाह दी कि उन्हें हालात के अनुरूप ढलना होगा। उन्होंने कहा:
आपका खेल एकतरफा नहीं होना चाहिए। आपको समझना होगा कि कब आक्रामक खेलना है और कब रक्षात्मक। नहीं तो भारी खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।”
नए बल्लेबाज, लेकिन पुराना अनुभव
भारत के पास कुछ सकारात्मक पहलू भी हैं। जैसे:
करूण नायर और साई सुदर्शन भले ही इंग्लैंड में अंतरराष्ट्रीय टेस्ट नहीं खेले हों, लेकिन उन्होंने काउंटी क्रिकेट (नॉर्थम्पटनशर और सर्रे) में भाग लिया है।
उनके पास दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों में खेलने का अनुभव भी है।
तेंदुलकर ने कहा:
“ये खिलाड़ी इंग्लैंड की परिस्थितियों से पूरी तरह अनजान नहीं हैं। इन अनुभवों को जोड़कर रणनीति बनाई जाए तो अच्छा परिणाम मिलेगा।”
दो स्पिनर खिलाने पर क्या बोले सचिन?
जब तेंदुलकर से पूछा गया कि क्या पहले टेस्ट में दो स्पिनर खिलाना सही होगा, तो उन्होंने पिच की भूमिका को अहम बताया।
“यह पिच की स्थिति पर निर्भर करेगा। अगर पिच पर घास नहीं है, तो दो स्पिनर भी खेले जा सकते हैं।”





