RBI: ट्रेड वार से कई देश चिंतित, रुपया 87 के पार; आरबीआई ने बढ़ाई निगरानी

दिल्ली। डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट का सिलसिला लगातार जारी है। सोमवार को रुपये में 49 पैसे की गिरावट आई, जिससे रुपया पहली बार 87 के स्तर को पार कर गया। दिन के कारोबार में एक डॉलर की कीमत 87.29 रुपये तक पहुंच गई, हालांकि बाजार बंद होते समय यह 87.11 पर आ गया। इस गिरावट का मुख्य कारण वैश्विक स्तर पर ट्रेड वार की शुरुआत मानी जा रही है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चीन, मैक्सिको और कनाडा से होने वाले आयात पर सीमा शुल्क बढ़ाने के फैसले के बाद से वैश्विक बाजार में गिरावट देखी गई। कनाडा ने भी अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क बढ़ा दिया है, और चीन व मैक्सिको के भी ऐसे कदम उठाने की संभावना है, जिसका असर भारत सहित अन्य देशों के शेयर बाजार पर पड़ा है।
आरबीआई की निगरानी पर है फोकस
रुपये की गिरावट पर वित्त सचिव तुहिन कांत पांडे ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि विकासशील देशों से डॉलर की निकासी और सुरक्षित निवेश की ओर बढ़ने से रुपये पर दबाव बढ़ा है। सरकार और आरबीआई इस स्थिति पर लगातार निगरानी रखे हुए हैं, क्योंकि इसका असर देश की आर्थिक वृद्धि पर भी पड़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अब आरबीआई को मुद्रा बाजार में सक्रिय भूमिका निभाने की जरूरत है। 7 फरवरी 2025 को मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक का फैसला इस स्थिति पर गहरी नजर रखेगा।
सीतारमण का बयान: रुपये की कीमत बाजार तय करता है
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रुपये की कीमत बाजार की शक्तियों से निर्धारित होती है, और सरकार इसका स्तर तय नहीं करती। उन्होंने बताया कि डॉलर सूचकांक, निवेश प्रवाह, ब्याज दरें, और कच्चे तेल की कीमतें जैसी कई वैश्विक वजहें रुपये की कीमत को प्रभावित करती हैं।
अन्य देशों की मुद्राओं पर भी असर
इस दौरान हांगकांग डॉलर को छोड़कर दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया और मलेशिया की मुद्राओं में रुपये से ज्यादा गिरावट आई है। वहीं, अमेरिका के बांड्स की कीमतों में भी वृद्धि देखी गई है, जबकि भारतीय बांड्स की कीमत स्थिर रही।