कभी लिट्टी-चोखा बेचकर करते थे गुज़ारा, आज हैं करोड़ों के मालिक

बिहार। भोजपुरी इंडस्ट्री में एक से बढ़कर एक कलाकार हैं. रवि किशन और मनोज तिवारी के बाद दिनेश लाल यादव निरहुआ, पवन सिंह और खेसारी लाल यादव ने इंडस्ट्री की विरासत को आगे बढ़ाने का काम किया. लेकिन इस मुकाम पहुंचने के लिए कई स्टार्स को काफी स्ट्रगल करना पड़ा. आज हम आपको एक ऐसे ही भोजपुरी स्टार के बारे में बता रहे हैं जिनका आज जन्मदिन भी है.
हम बात कर रहे हैं सुपरस्टार खेसारी लाल यादव की जो आज अपना 39वां बर्थडे मना रहे हैं. खेसारी का शुमार भोजपुरी के सुपरस्टार्स में किया जाता है. उन्होंने कई दिग्गज एक्ट्रेसेस के साथ काम किया है. वे एक एक्टर होने के साथ-साथ बेहतरीन सिंगर भी हैं. शोहरत के साथ-साथ वे धन-दौलत में भी किसी से कम नहीं हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कभी उन्होंने गरीबी में अपना बचपन बिताया और मिट्टी के घर में गुजारा किया?
खेसारी लाल यादव के पिता चने बेचकर अपना घर चलाया करते थे. खुद खेसारी ने भी लिट्टी-चोखा बेचकर रोजी-रोटी चलाई. लेकिन फिर उनको भोजपुरी इंडस्ट्री में मौका मिला और उनकी किस्मत पलट गई. खेसारी ने 2011 में रिलीज हुई फिल्म ‘साजन चले ससुराल’ से भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा और छा गए. एक्टर ने 2014 में बॉलीवुड फिल्म ‘कोयलांचल’ के गाने ‘एके-47’ को भी अपनी आवाज दी.
14 साल के भोजपुरी करियर के बाद अब खेसारी लाल यादव के पास किसी चीज की कमी नहीं है. कभी मिट्टी के घर में रहने वाले खेसारी के पास आज पटना में तो आलीशान बंगला है ही, साथ ही वे मुंबई के बांद्रा में भी एक शानदार घर के मालिक हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वे अपनी एक फिल्म के लिए 50-60 लाख रुपए की फीस चार्ज करते हैं. नेटवर्थ के मामले में वे सुपरस्टार दिनेश लाल निरहुआ से भी आगे हैं. खेसारी लाल यादव की नेटवर्थ 16 करोड़ रुपए बताई जाती है. जबकि निरहुआ 6-8 करोड़ की संपत्ति के मालिक बताए जाते हैं.
खेसारी लाल यादव की फिल्मों की लिस्ट लंबी है. वे ‘खिलाड़ी’, ‘मैं सेहरा बांध के आऊंगा’, ‘आतंकवादी’, ‘मेहंदी लगाके रखना’, ‘संघर्ष’, ‘तेरे नाम’ और ‘जानेमन’ जैसी फिल्मों में नजर आ चुके हैं.