सिविल जज आवेदन की अंतिम तिथि एक महीने बढ़ी, अधिवक्ता पंजीकरण न होने वाले उम्मीदवारों को मिली राहत

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सिविल जज (जूनियर डिवीजन) परीक्षा 2024 के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि एक महीने बढ़ाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि अधिवक्ता पंजीकरण न होने वाले उम्मीदवारों को आवेदन करने की अनुमति दी जाए। हालांकि, इन उम्मीदवारों के चयन को अंतिम निर्णय तक स्थगित किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट में भी समान मामले पर 18 मार्च को सुनवाई होनी है। इसको ध्यान में रखते हुए हाई कोर्ट ने 7 अप्रैल को अगली सुनवाई तय की है। जबलपुर की विनीता यादव ने इस पंजीकरण की अनिवार्यता को चुनौती दी थी, क्योंकि वह सरकारी नौकरी में हैं और बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों के तहत पंजीकरण नहीं करा सकतीं।
पीएससी विज्ञान को बताया गलत
विनीता ने 23 दिसंबर 2024 को जारी छत्तीसगढ़ पीएससी के विज्ञापन को भी गलत बताया। उसने कहा कि पुराने नियमों के तहत वह आवेदन के योग्य थी, लेकिन संशोधन के कारण अब अपात्र हो गई है। याचिका में यह भी कहा गया कि हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात और दिल्ली जैसे राज्यों में ऐसी कोई शर्त नहीं है। मध्य प्रदेश में सिविल जज परीक्षा में अधिवक्ता होना वैकल्पिक है।
2006 के नियमों या विज्ञापन में इस तरह की शर्त लगाने का कोई औचित्य नहीं है। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट में अखिल भारतीय न्यायाधीश संघ बनाम भारत संघ मामले में भी इसी मुद्दे पर सुनवाई चल रही है। यह मामला 4 मार्च 2025 को सूचीबद्ध था और अगली सुनवाई 18 मार्च 2025 को होगी। हाई कोर्ट ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए याचिका पर फिलहाल रोक लगा दी है और इसे सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक लंबित रखा है। अब मामले पर 7 अप्रैल को सुनवाई तय की गई है।