होली:जोगीरा सा रा रा रा: होली गीतों की अलमस्त परंपरा और इसका गूढ़ अर्थ

होली का त्योहार मस्ती, उमंग और सामाजिक समरसता का प्रतीक है। इस दौरान गाए जाने वाले पारंपरिक लोकगीतों में एक टेक विशेष रूप से प्रसिद्ध है— “जोगीरा सा रा रा रा…”। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस टेक का क्या अर्थ है और यह परंपरा कहां से आई?

क्या है “जोगीरा सा रा रा रा” का अर्थ?

“जोगीरा” शब्द “जोगी” से बना है, जिसका अर्थ है ऐसा व्यक्ति जो सांसारिक मोह-माया से मुक्त हो। जोगी का जीवन मस्त और निश्चिंत होता है। ठीक उसी तरह, होली के दिन लोग अपने सामाजिक बंधनों से मुक्त होकर रंगों में सराबोर हो जाते हैं। इसीलिए होली के गीतों में “जोगीरा सा रा रा रा” की टेक जुड़ गई, जो अलमस्ती और फक्कड़पन को दर्शाती है।

होली गीतों में “जोगीरा सा रा रा रा” की परंपरा

उत्तर भारत के गांवों में होली की टोलियां द्वार-द्वार जाकर गीत गाती हैं, और इन गीतों के अंत में “जोगीरा सा रा रा रा” की टेक लगाई जाती है। यह टेक गीतों में ऊर्जा भरने का काम करती है और सुनने वालों में जोश भर देती है।

सवाल-जवाब की रोचक परंपरा

होली गीतों में एक अनोखी शैली होती है, जहां दो टोलियों के बीच सवाल-जवाब होते हैं। जैसे—
सवाल: कौन फूल धरती पर फूले, कौन फूल आकाश?
जवाब: बेली फूल धरती पर फूले, तारा फूल आकाश!
टेक: जोगीरा सा रा रा रा…

समसामयिक तंज और व्यंग्य

होली सिर्फ मस्ती का त्योहार नहीं, बल्कि समाज की कुंठाओं और समस्याओं को उजागर करने का भी माध्यम है। व्यंग्यपूर्ण गीतों के बाद “जोगीरा सा रा रा रा” कहकर यह संकेत दिया जाता है कि इसे हल्के में लिया जाए— “बुरा न मानो होली है!”

“जोगीरा सा रा रा रा” का आधुनिक रूप

फिल्मी गानों में भी इस टेक का प्रयोग किया गया है। “नदिया के पार” फिल्म के प्रसिद्ध गीत “जोगी जी ढूंढ के ला दो…” में “जोगी” शब्द इसी परंपरा का हिस्सा है।

आज होली के गीतों ने आधुनिक रंग अपना लिया है, लेकिन “जोगीरा सा रा रा रा” का ठाठ अब भी बरकरार है। यह सिर्फ एक टेक नहीं, बल्कि होली की अलमस्ती, समानता और फक्कड़पन का प्रतीक है!

Show More
Back to top button
जम्मू-कश्मीर में बारिश से अपडेट सोनम ने ही राजा को दिया था खाई में धक्का… आरोपियों ने बताई सच्चाई
जम्मू-कश्मीर में बारिश से अपडेट सोनम ने ही राजा को दिया था खाई में धक्का… आरोपियों ने बताई सच्चाई