CM YOGI:मुजफ्फरनगर को लक्ष्मीनगर बनाने की मांग, बीजेपी की 2027 के लिए रणनीति

CM YOGI:उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले का नाम बदलकर “लक्ष्मीनगर” रखने की सियासत एक बार फिर गर्मा गई है। बीजेपी एमएलसी मोहित बेनीवाल ने 42 साल पुरानी इस मांग को विधानसभा में उठाकर एक नया सियासी मोड़ दिया। उनका दावा है कि यह नाम बदलने का कदम न केवल सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक होगा, बल्कि जिले की आर्थिक प्रगति के लिए भी लाभकारी साबित होगा। इस मुद्दे को लेकर मुजफ्फरनगर जिले के जिला पंचायत अध्यक्ष डा. वीरपाल निर्वाल ने भी आगामी बोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखने का फैसला किया है।
42 साल पुरानी मांग को फिर से हवा मिली
बुधवार को विधान परिषद में मोहित बेनीवाल ने मुजफ्फरनगर का नाम बदलकर लक्ष्मीनगर रखने की पुरानी मांग को ताजा किया। उन्होंने कहा कि कई साधु और संत लंबे समय से इस बदलाव की बात कर रहे हैं। इसके बाद, वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिले और अपनी मांग दोहराई। इसके अलावा, जिला पंचायत अध्यक्ष ने आगामी बोर्ड बैठक में नाम बदलने का प्रस्ताव रखने की तैयारी की है, जिसे बाद में शासन को भेजा जाएगा।
राजनीतिक परिप्रेक्ष्य: 2027 चुनाव की तैयारी
इस नाम बदलाव के मुद्दे को बीजेपी 2027 विधानसभा चुनाव से पहले एक सियासी कदम के रूप में देख रही है। पश्चिमी यूपी में 2024 और 2022 के चुनावों में बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ा था, जिसमें आरएलडी के साथ गठबंधन भी कारगर नहीं रहा। ऐसे में मुजफ्फरनगर के नाम के मुद्दे को उछाल कर बीजेपी अपनी रणनीति को नए सिरे से सेट करना चाहती है, ताकि पश्चिमी यूपी में सियासी समीकरण अपने पक्ष में किया जा सके।
इतिहास और बीजेपी का एजेंडा
मुजफ्फरनगर का नाम शाहजहां के शासनकाल में पड़ा था, जब सरदार सैय्यद मुजफ्फर खान ने 1633 में इसे स्थापित किया था। इस मुद्दे पर पहले भी आरएसएस और बीजेपी द्वारा आंदोलन चलाया गया था। अब 42 साल बाद इसे फिर से उछालकर बीजेपी अपनी हिंदुत्व आधारित राजनीति को मजबूती देने की कोशिश कर रही है।