छत्तीसगढ

शेयर ट्रेडिंग के नाम पर ढाई करोड़ की ठगी..

रायपुर। रायपुर रेंज साइबर पुलिस ने शेयर ट्रेडिंग के नाम पर तीन लोगों से ढाई करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने वाले चार शातिर ठगों को गिरफ्तार किया। यह ठगी विभिन्न राज्यों में हुई थी, और आरोपियों को बंगाल, दिल्ली, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश में गिरफ्तार किया गया। रायपुर में इन चारों आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।

पहला मामला: 88 लाख रुपये की ठगी

रेंज साइबर थाने में रश्मि नामक पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसे शेयर ट्रेडिंग में मुनाफा कमाने का झांसा देकर 88 लाख रुपये की ठगी की गई थी। पुलिस ने जांच के दौरान उत्तर प्रदेश, बिहार, चेन्नई, और कोलकाता से पांच आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था।

बाद में पुलिस टीम ने सुमन सिल (28) और देवराज कुशवाहा (40) को गिरफ्तार किया, जो पश्चिम बंगाल के 24 परगना और भोपाल, मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं। आरोपियों ने ठगी के इन 88 लाख रुपये में से 84 लाख रुपये को विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया था। पुलिस ने इन खातों में रकम होल्ड कर दी है, और अब इन पैसों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

दूसरा मामला: 99 लाख रुपये की ठगी

दूसरे मामले में, पीड़ित अनिमेष तिवारी से ठगों ने 99 लाख रुपये की ठगी की। उन्होंने शेयर ट्रेडिंग में मुनाफा कमाने का झांसा देकर तिवारी से यह रकम प्राप्त की। इस मामले की जांच रेंज साइबर थाने ने की, और दिल्ली के जेजे कॉलोनी, द्वारका सेक्टर तीन से दीपक (29) नामक आरोपी को गिरफ्तार किया। दीपक ने तिवारी को निवेश करने के लिए प्रेरित किया और फिर उसे ठग लिया।

तीसरा मामला: 1.16 करोड़ रुपये की ठगी

महेश चंदानी से भी इसी तरह की ठगी हुई, जिसमें 1.16 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई। इस मामले में सैयद जानी बासा (46) को आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से गिरफ्तार किया गया। सैयद जानी बासा ने चंदानी को शेयर ट्रेडिंग के नाम पर फर्जी निवेश के जरिए ठग लिया था। यह आरोपी बैंक खाता सप्लायर था, और उसे पहले भी ठगी में लिप्त पाया गया था। इस मामले में एक अन्य आरोपी पहले ही पकड़ा जा चुका था।

आईजी ने आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ने के दिए निर्देश

रायपुर रेंज के आईजी अमरेश मिश्रा ने साइबर ठगी की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए साइबर पुलिस टीम को सख्त निर्देश दिए कि वे आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ें। उन्होंने कहा कि तकनीकी साक्ष्य एकत्र कर पूरे मामले की विवेचना की जाए, ताकि शातिर ठगों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जा सके और पीड़ितों को राहत दिलाई जा सके।

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