छत्तीसगढ

स्टेशन मास्टर की एक गलती से रेलवे को हुआ, 3 करोड़ का नुकसान..

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने ड्यूटी के दौरान पति से झगड़े को मानसिक क्रूरता मानते हुए तलाक को मंजूरी दी है। दरअसल, स्टेशन मास्टर पति ड्यूटी कर रहा था, उसी समय पत्नी ने फोन पर उससे झगड़ा करना शुरू किया।

स्टेशन मास्टर ने घर आकर विवाद सुलझाने की बात कर ओके कहा, जिसे उस समय उसके सहयोगी स्टेशन मास्टर ने मालगाड़ी रवाना करने का सिग्नल समझ लिया। इसके बाद उसने नक्सल प्रभावित क्षेत्र में प्रतिबंधित समय में मालगाड़ी को रवाना कर दिया।

ड्यूटी के दौरान जानबूझकर परेशान करती थी पत्नी

इससे रेलवे को तीन करोड़ का नुकसान हुआ और स्टेशन मास्टर को निलंबित कर दिया गया। याचिकाकर्ता विशाखापत्तनम निवासी भारतीय रेलवे में स्टेशन मास्टर है। अपनी याचिका में कहा- जब वह ड्यूटी पर रहता था तब पत्नी जानबूझकर मोबाइल से फोन कर परेशान करती थी। इसी वजह से उसका निलंबन हो गया।

लाइब्रेरियन से था पत्नी का प्रेम संबंध

याचिकाकर्ता के अनुसार, पत्नी ने वर्ष 2011 में हुए विवाह के रिसेप्शन में बताया था कि कॉलेज के लाइब्रेरियन के साथ उसका गहरा प्रेम संबंध है, जिसे वह भूल नहीं सकती है। घर पर उसके सामने ही पत्नी अपने प्रेमी से मोबाइल फोन पर बात करती थी।

मामले की सुनवाई जस्टिस रजनी दुबे एवं जस्टिस संजय कुमार जायसवाल की खंडपीठ में हुई। खंडपीठ ने पत्नी के व्यवहार को पति के खिलाफ क्रूरता मानते हुए पति को तलाक की मंजूरी दे दी है।

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