बरसात में करंट लगने की घटनाएं क्यों बढ़ जाती हैं? जानिए क्या करें जब किसी को लगे इलेक्ट्रिक शॉक

नई दिल्ली
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जैसे ही मानसून दस्तक देता है, करंट लगने की घटनाओं में अचानक इज़ाफा हो जाता है। खुले बिजली के तार, कटी-फटी वायरिंग, पानी में डूबे बिजली के खंभे — ये सभी जानलेवा साबित हो सकते हैं। कई बार लोग अनजाने में गीले कूलर या खुले तारों को छू लेते हैं और उन्हें जोरदार झटका लग जाता है।

बिजली के झटके से इंसान बेहोश हो सकता है, सांस रुक सकती है, या दिल की धड़कन असामान्य हो सकती है। ऐसे में समय पर दी गई फर्स्ट एड जान बचा सकती है।
क्या करें जब किसी को करंट लग जाए?
व्यक्ति को सीधे हाथ न लगाएं जब तक आप यह सुनिश्चित न कर लें कि वह करंट के संपर्क से पूरी तरह अलग हो चुका है।
यदि संभव हो तो बिजली का मुख्य स्विच बंद करें या लकड़ी की छड़ी/सूखी वस्तु से व्यक्ति को बिजली के स्रोत से अलग करें।
व्यक्ति की जांच करें: क्या वह सांस ले रहा है?
कलाई पर 5 सेकंड के लिए नब्ज जांचें।
देखें कि उसे होश है या नहीं।
स्किन पर जलन, बर्न, या सूजन का निरीक्षण करें।
दिल की धड़कन असामान्य तो नहीं?
फौरन क्या करें –
ठंडे पानी से प्रभावित जगह धोएं, अगर शरीर पर जलन है, तो कम से कम 20 मिनट तक ठंडे नल के पानी के नीचे धोएं।
बर्फ से सिंकाई करें
जलन या सूजन को कम करने के लिए ठंडे पानी या बर्फ की हल्की सिकाई करें (सीधे त्वचा पर बर्फ न रखें)।
घाव को ढंकें
जली हुई जगह को साफ और स्टेराइल बैंडेज से ढंकें, ताकि इन्फेक्शन से बचाव हो।
CPR दें (अगर ज़रूरत हो तो)
अगर व्यक्ति सांस नहीं ले रहा है या नब्ज नहीं मिल रही, तो तुरंत CPR शुरू करें और आपातकालीन मेडिकल सहायता को बुलाएं।
शॉक के बाद क्या सावधानियां जरूरी हैं?
दिल्ली के BLK-Max Super Speciality Hospital और Apollo Hospital के विशेषज्ञों के अनुसार:
कई बार करंट लगने के घंटों बाद लक्षण उभरते हैं।
मांसपेशियों में खिंचाव, सांस लेने में दिक्कत, तेज़ धड़कन, या बेहोशी आ सकती है।
ऐसे में ECG, ब्लड टेस्ट, CT स्कैन या MRI कराना ज़रूरी हो सकता है।
क्या करें, क्या न करें
बिजली का मुख्य स्विच तुरंत बंद करें गीले हाथों से व्यक्ति को न छुएं
लकड़ी की छड़ी से मदद लें खुद भी करंट की चपेट में न आएं
First Aid देकर डॉक्टर के पास लेकर जाएं
झटका लगने के बाद लापरवाही न करें
ECG, ब्लड टेस्ट आदि की जांच कराएं





