आदिवासी छात्र की मौत: हॉस्टल प्रबंधन की लापरवाही का आरोप

गौरेला पेंड्रा मरवाही (GPM) जिले के लाटा स्थित एकलव्य आदर्श संयुक्त आवासीय विद्यालय में हॉस्टल प्रबंधन की लापरवाही से कक्षा 9वीं में पढ़ने वाले आदिवासी छात्र शिवम सिंह की मौत का मामला सामने आया है।
छात्र की तबीयत बिगड़ने की अनदेखी
शिवम सिंह बीते कुछ दिनों से बीमार था। परिजनों का आरोप है कि स्कूल और हॉस्टल प्रबंधन को छात्र की बिगड़ती हालत की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। बच्चे के शरीर में खून की कमी थी और उसकी हालत लगातार खराब हो रही थी। इसके बावजूद प्रबंधन ने ना तो उचित इलाज करवाया और ना ही इसकी जानकारी परिजनों को दी।
घर पहुँचते ही हालत और बिगड़ी
होली की छुट्टी पर शिवम जैसे ही घर पहुंचा, उसकी तबीयत अचानक ज्यादा बिगड़ गई। परिजन उसे तुरंत निजी अस्पताल लेकर गए, लेकिन डॉक्टरों ने हालात को देखते हुए शिवम को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। वहां भी स्थिति नहीं सुधरी तो डॉक्टरों ने उसे बिलासपुर भेजने की सलाह दी।
रास्ते में हुई मौत
बिलासपुर ले जाते समय रास्ते में ही शिवम ने दम तोड़ दिया। परिजनों का कहना है कि अगर समय रहते उसकी सही देखभाल और इलाज किया जाता तो उसकी जान बचाई जा सकती थी।
पुलिस ने शुरू की जांच
गौरेला पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है और हॉस्टल प्रबंधन की लापरवाही की पुष्टि होने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
परिजनों की मांग
मृतक छात्र के परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में किसी और बच्चे की जान इस तरह न जाए।
यह मामला आदिवासी छात्रों के साथ हो रही लापरवाही का एक गंभीर उदाहरण है। प्रशासन को ऐसे मामलों को गंभीरता से लेना चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए।