तेजस मार्क-2: भारत का नया फाइटर जेट तैयार, 2026 में भरेगा पहली उड़ान, 2029 से शुरू होगा प्रोडक्शन

भारत का स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस मार्क-2 अब तेजी से तैयार हो रहा है। यह विमान देश की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) इस साल के अंत यानी नवंबर-दिसंबर 2025 तक इसका पहला प्रोटोटाइप दिखाएगा। इसके बाद 2026 में यह विमान पहली बार उड़ान भरेगा।
तेजस MK-2 को 2029 से बड़े पैमाने पर बनाया जाएगा। HAL का लक्ष्य है कि 2034 तक भारतीय वायुसेना को कुल 120 विमान सौंप दिए जाएं। आने वाले समय में इस संख्या को बढ़ाकर 300 तक किया जा सकता है।
क्या है तेजस मार्क-2?
तेजस MK-2, तेजस MK-1 का अपग्रेडेड वर्जन है। यह 4.5+ जेनरेशन का मीडियम वेट फाइटर जेट है, जो कई तरह के युद्ध अभियानों के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसमें अमेरिका का F414 इंजन लगाया जाएगा, जो इसे ज़्यादा ताकतवर बनाएगा। इसके अलावा इसमें एडवांस AESA रडार और इन्फ्रारेड सर्च एंड ट्रैक सिस्टम (IRST) भी होगा, जो दुश्मन की हरकतों को दूर से पहचानने में मदद करेगा।
इस फाइटर जेट को वायुसेना के पुराने हो चुके मिराज-2000, मिग-29 और जगुआर जैसे विमानों की जगह शामिल किया जाएगा।
प्रोडक्शन की तैयारी जोरों पर
HAL के बेंगलुरु प्लांट में पहला प्रोटोटाइप एडवांस असेंबली स्टेज में पहुंच चुका है। इसमें फ्यूसेलाज (मुख्य ढांचा) और विंग्स (पंख) जोड़ दिए गए हैं। 2028 तक HAL कुल 4 टेस्ट एयरक्राफ्ट बनाएगा।
2029 से हर साल 16 से 18 विमान बनाए जाएंगे। धीरे-धीरे प्रोडक्शन बढ़ाकर 24 एयरक्राफ्ट प्रतिवर्ष तक ले जाने की योजना है। इसके लिए बेंगलुरु और नासिक की मौजूदा तेजस मार्क-1A प्रोडक्शन लाइन को ही अपग्रेड किया जाएगा।
82% तक स्वदेशी तकनीक, प्राइवेट कंपनियों की भी भागीदारी
इस परियोजना में 82% से ज्यादा स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। इसके साथ ही L&T, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स जैसी कई निजी कंपनियां भी इसमें भाग ले रही हैं।
तेजस मार्क-2 की खासियत यह होगी कि यह ‘लो ऑब्ज़र्वेबिलिटी’ तकनीक पर आधारित होगा, यानी रडार पर इसका पता लगाना मुश्किल होगा। यह इसे स्टील्थ फाइटर जेट जैसा बना देता है, जो छुपकर दुश्मन पर हमला कर सकता है।
कुल मिलाकर, तेजस MK-2 आने वाले सालों में भारतीय वायुसेना की ताकत को एक नया आयाम देने जा रहा है। यह भारत की तकनीकी क्षमता और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है।





