सुप्रीम कोर्ट का आदेश हज यात्रा के लिए हवाई किराया निर्धारित करने की याचिका पर सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने हज यात्रा के दौरान कालीकट से जेद्दा तक हवाई यात्रा के महंगे किराए को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह इस मामले में अधिक किराए का विवरण सरकार के सामने प्रस्तुत करें। इसके बाद सरकार को एक सप्ताह के भीतर इस मुद्दे पर फैसला लेने और इसे सार्वजनिक करने का आदेश दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि कालीकट-जेद्दा हवाई यात्रा के महंगे किराए के कारणों को स्पष्ट किया जाए।
क्या था मामला?
याचिकाकर्ता ने अदालत से यह सवाल किया था कि कालीकट से जेद्दा तक यात्रा करने के लिए हवाई किराया क्यों अधिक लिया जाता है। याचिका में बताया गया था कि जहां अन्य हवाई मार्गों पर किराया 85,000-86,000 रुपये के बीच होता है, वहीं कालीकट से जेद्दा तक यात्रा के लिए एक लाख रुपये तक का किराया लिया जा रहा है। याचिकाकर्ता का आरोप था कि यह मनमाना किराया तय किया गया है, जो उचित नहीं है।
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सरकारी नीति पर टिप्पणी करने से बचते हुए कहा कि यह मामला अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय से जुड़ा है, जो हज यात्रा के हवाई किराए को तय करता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि इस मुद्दे पर कोई फैसला न लिया जाता है, तो इससे हज यात्रा करने वालों को कठिनाई हो सकती है। कोर्ट ने सरकार से कहा कि एक सप्ताह के भीतर इस मामले पर फैसला लिया जाए और कारणों के साथ सार्वजनिक किया जाए।
कालीकट-जेद्दा यात्रा महंगी क्यों?
सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर भी जोर दिया कि कालीकट से जेद्दा तक यात्रा अन्य स्थानों से महंगी क्यों है, यह जानकारी भी सरकार को सार्वजनिक करनी चाहिए। एएसजी नटराज ने कहा कि इस मुद्दे पर याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत रिप्रेजेंटेशन की जांच की जाएगी और निर्णय के कारणों को वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा।
अब देखना होगा कि एक सप्ताह के भीतर सरकार इस पर क्या कदम उठाती है और हज यात्रा के किराए को लेकर क्या निर्णय लिया जाता है।