रायपुर:रेरा ने कॉलोनी–फ्लैट मेंटनेंस चार्ज को लेकर जारी किया नया स्पष्टीकरण

रायपुर: छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने कॉलोनी और फ्लैट्स के हस्तांतरण और मेंटनेंस चार्ज से जुड़े नियमों को स्पष्ट करते हुए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। रेरा के अनुसार, किसी भी कॉलोनी या बहुमंजिला इमारत (फ्लैट्स) के निर्माण के बाद उसे एक पंजीकृत सोसाइटी को हस्तांतरित किया जाता है, जो वहां के रखरखाव, सुविधाओं और व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी संभालती है।
प्राधिकरण ने स्पष्ट किया कि कॉलोनी या अपार्टमेंट में रहने वाले प्रत्येक आवंटित व्यक्ति (आबंटिती) के लिए निर्धारित मेंटनेंस चार्ज का भुगतान करना अनिवार्य होगा। यदि कोई व्यक्ति मेंटनेंस शुल्क नहीं चुकाता है, तो संबंधित सोसाइटी इस मामले को रेरा के समक्ष प्रस्तुत कर सकती है। ऐसे मामलों में बकाया राशि पर ब्याज सहित भुगतान करने की बाध्यता होगी।
रेरा ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई आवंटित व्यक्ति अपने एलॉटमेंट डीड (आवंटन पत्र) में उल्लिखित मेंटनेंस चार्ज या अन्य शर्तों का उल्लंघन करता है, तो इससे जुड़े विवादों की सुनवाई का अधिकार रेरा के पास होगा। हालांकि, यदि मेंटनेंस चार्ज की दरों में कोई बदलाव किया जाना है या इसे लेकर कोई असहमति उत्पन्न होती है, तो इस तरह के मामलों की सुनवाई सहकारिता अधिनियम के तहत की जाएगी।
इस स्पष्टीकरण से यह साफ हो गया है कि सोसाइटी मेंटनेंस शुल्क को लेकर मनमाने फैसले नहीं ले सकती, और विवाद होने पर संबंधित कानूनी प्राधिकरण के पास जाने का विकल्प मौजूद रहेगा। इसके अलावा, रेरा का यह कदम फ्लैट और कॉलोनी में रहने वाले निवासियों के अधिकारों को सुरक्षित करने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में अहम साबित होगा।