
Reaction to the Budget (रायपुर) : भारतीय किसान यूनियन (टिकैत ) छत्तीसगढ़ के महासचिव तेजराम विद्रोही ने साल 2025 के लिए प्रस्तुत बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट में किसानों और मेहनतकश आम जनता के विकास के लिए कुछ भी नहीं है। किसानों क़ो उनके फसल का न्यूनतम समर्थन गारंटी मिल सके इसके लिए कोई प्रावधान नहीं की गई है बल्कि पांच लाख तक किसानों की ऋण सीमा बढ़ाकर किसानों क़ो कर्ज के जंजाल में फंसाए रखना है।
किसानों क़ो अगर पुरे साल भर उनके सभी उत्पादों क़ो स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप डेढ़ गुना लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले तो उन्हें कर्ज लेने की जरूरत नहीं होगी और किसान कर्ज मुक्त होंगे। विद्रोही ने आगे कहा कि अमीरों क़ो टैक्स में छूट दी गयी है जबकि महाअमीरों के टैक्स में वृद्धि की जानी चाहिए थी, जो नहीं किया गया यह सरकार की कॉर्पोरेट सेवा की नीति क़ो स्पष्ट करता है। बढ़ती महंगाई, क़ो कम करने, स्थायी रोजगार श्रीजित कर बेरोजगारों क़ो रोजगार देने, मेहनतकश वर्ग की आर्थिक हालत ठीक करने के क्षेत्र में यह बजट किसी प्रकार की दिशा देने में असफल है।