Ramzan:मोहम्मद शमी के रोज़ा न रखने पर विवाद, इस्लामिक स्कॉलर्स ने दी सफाई

Ramzan:भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के रमजान के दौरान रोजा न रखने और मैच के दौरान एनर्जी ड्रिंक पीने पर विवाद खड़ा हो गया है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने शमी को गुनहगार बताते हुए कहा कि इस्लाम में रोजा फर्ज (अनिवार्य) है और इसे न रखना गलत है।
हालांकि, कई इस्लामिक स्कॉलर्स ने इस विवाद को बेवजह बताते हुए सफर में रोजा न रखने की छूट का हवाला दिया। मुफ्ती जिशान मिस्बाही ने कहा कि इस्लाम में सफर के दौरान रोजा न रखने की अनुमति है, और अगर कोई खिलाड़ी मैच खेल रहा है तो वह छूट का हकदार है। उन्होंने कहा कि शमी कोई धार्मिक नेता नहीं हैं कि उनके रोजा न रखने पर इतना हंगामा किया जाए।
मुफ्ती ओसामा नदवी ने भी स्पष्ट किया कि इस्लाम में सफर, बीमारी या कठिन परिस्थितियों में रोजा न रखने की अनुमति है। उन्होंने कहा कि रोजा रखना व्यक्ति और अल्लाह के बीच का मामला है और किसी को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बिना जानकारी के बयान देने से इस्लाम और मुसलमानों की छवि को नुकसान पहुंचता है।
इस्लाम के अनुसार, सफर 92.5 किमी से अधिक हो तो रोजा न रखने की छूट है। इसके अलावा, बीमार व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं और बुजुर्गों को भी यह छूट मिलती है। ऐसे में मोहम्मद शमी के रोजा न रखने पर विवाद करना अनुचित है।
विशेषज्ञों का मानना है कि मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने यह बयान महज चर्चा में आने के लिए दिया है। शमी भारतीय क्रिकेट टीम के अहम खिलाड़ी हैं और उनके प्रदर्शन से टीम को जीत मिली है। इस तरह के बयानों से उनका मनोबल गिर सकता है, जो गलत है।