राजस्थान :राज्यपाल ने किया बड़ा दावा,गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत वेदों में पहले से था, न्यूटन ने बाद में बताया

राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत सबसे पहले भारतीय वैदिक ग्रंथों में वर्णित था, और यह सिद्धांत न्यूटन से बहुत पहले मौजूद था। राज्यपाल ने यह बात जयपुर में इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के रिजनल सेंटर के दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन के दौरान कही।
भारत का प्राचीन ज्ञान और विज्ञान
हरिभाऊ बागड़े ने अपने भाषण में कहा, “भारत हमेशा से ही ज्ञान और विज्ञान का केंद्र रहा है। भारतीयों ने दुनिया को दशमलव प्रणाली दी, और ऋषि भारद्वाज ने वायुयान पर अपनी पुस्तक में इसके बारे में पहले ही लिखा था।” उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत को बहुत बाद में प्रस्तुत किया था, जबकि इसका उल्लेख भारतीय वैदिक ग्रंथों में पहले ही किया जा चुका था। बागड़े ने यह भी बताया कि महर्षि भारद्वाज ने हवाई जहाज के बारे में पहले ही अपनी पुस्तक में लिखा था, और 50 साल पहले नासा ने इस किताब को प्राप्त करने के लिए पत्र लिखा था।
ब्रिटिश शासन और भारतीय ज्ञान का दबाव
राज्यपाल ने अंग्रेजों द्वारा भारतीय ज्ञान को दबाने के प्रयासों पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासकों ने भारतीय ज्ञान और विज्ञान को नष्ट करने के लिए कई बार प्रयास किए, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। बागड़े ने भारतीय शिक्षा और संस्कृति को मजबूत बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि देश के छात्रों को भारतीय ज्ञान से जोड़ना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
नालंदा और तक्षशिला का महत्व
राज्यपाल ने नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालयों का उदाहरण देते हुए कहा कि इन विश्वविद्यालयों से दुनिया भर से छात्र शिक्षा प्राप्त करने आते थे। उन्होंने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय को बख्तियार खिलजी ने नष्ट किया था, लेकिन अब इसे पुनः स्थापित किया जा रहा है।
अंत में, बागड़े ने राजस्थान को योद्धाओं की भूमि बताते हुए बप्पा रावल का उदाहरण दिया, जिन्होंने विदेशी आक्रमणकारियों से इस भूमि को सौ वर्षों तक बचाए रखा।