शादी क्यों नहीं हो रही सफल? प्रेमानंद महाराज ने बताए इसके गहरे कारण

नई दिल्ली |
शादी एक पवित्र बंधन है, जो प्रेम, श्रद्धा, और विश्वास की नींव पर टिकता है। लेकिन आजकल वैवाहिक जीवन में बढ़ती असफलताओं और विश्वासघात की घटनाएं समाज के हर वर्ग में चिंता का विषय बन चुकी हैं। इस संदर्भ में प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद महाराज ने विवाह की सफलता और असफलता से जुड़े कुछ गहरे और विचारणीय कारण बताए हैं।
भक्त का सवाल: “शादी में अब भरोसा क्यों नहीं रहा?”
एक सत्संग के दौरान एक भक्त ने महाराज श्री से पूछा कि आजकल लव मैरिज हो या अरेंज मैरिज, अधिकतर रिश्तों में धोखा देखने को मिल रहा है। लोग जीवनसाथी चुनने से डरने लगे हैं। इस पर प्रेमानंद महाराज ने समाज में हो रहे नैतिक पतन की ओर इशारा करते हुए कुछ स्पष्ट और कटु सच साझा किए।
लव और अरेंज मैरिज क्यों हो रहे असफल?
प्रेमानंद महाराज के अनुसार:
“आज की पीढ़ी चरित्र को नहीं समझती। संबंधों में पवित्रता की जगह अब अस्थिरता और भोग की मानसिकता आ गई है। शादी से पहले ही कई बार ब्रेकअप और नए संबंध बनाना एक आम आदत बन गई है। जो लोग होटल में चार जगह खा चुके हैं, उन्हें घर का खाना स्वादिष्ट नहीं लगेगा – यही आज के रिश्तों की सच्चाई है।”
शारीरिक संबंधों की स्वतंत्रता और विवाह की विफलता
उन्होंने आगे कहा:
“विवाह से पहले और बाद में बार-बार पार्टनर बदलने वाले कभी सुखी वैवाहिक जीवन नहीं जी सकते। ऐसे अपवित्र विचार और व्यवहार वैवाहिक जीवन को खोखला कर देते हैं। जो व्यक्ति संयम और धर्म के मार्ग से भटक जाता है, उसे एक सच्चा जीवनसाथी मिलना मुश्किल हो जाता है।”
विदेशी संस्कृति का अंधानुकरण बना समस्या की जड़
प्रेमानंद महाराज ने ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ जैसी पाश्चात्य प्रवृत्तियों को भी वैवाहिक असफलता की मुख्य वजह बताया:
“लिव-इन रिलेशनशिप भारत की संस्कृति नहीं है। यह केवल गंदगी का खजाना है जिसमें विचार, व्यवहार और शरीर – तीनों दूषित हो जाते हैं। जब विचार शुद्ध नहीं होंगे, तो विवाह जैसी पवित्र संस्था कैसे सफल हो सकती है?”
समाधान क्या है? धर्म की ओर लौटें
महाराज के अनुसार, विवाह की सफलता का मूलमंत्र है — धर्म के अनुसार जीवन जीना। उन्होंने यह भी कहा कि:
“अगर व्यक्ति अपने आचरण, विचार और जीवनशैली को धर्मसम्मत बनाए, तो न केवल एक उत्तम जीवनसाथी मिलेगा, बल्कि जीवन भी मंगलमय बनेगा।”





