दिल्ली में अब कारोबार हुआ और भी आसान, गेस्ट हाउस से गेम पार्लर तक नहीं लगेगा पुलिस लाइसेंस

नई दिल्ली:दिल्ली के कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने ऐलान किया है कि अब होटल, मोटल, गेस्ट हाउस, रेस्तरां, वीडियो गेम पार्लर, ऑडिटोरियम, स्विमिंग पूल, डिस्कोथेक और मनोरंजन पार्क जैसे व्यवसायों को चलाने के लिए दिल्ली पुलिस से लाइसेंस लेने की आवश्यकता नहीं होगी।

अब तक इन व्यवसायों को संचालन के लिए दिल्ली पुलिस से अनिवार्य लाइसेंस और एनओसी लेनी पड़ती थी, जिससे व्यापारियों को अनावश्यक दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे। लेकिन अब यह जिम्मेदारी स्थानीय निकायों को सौंप दी गई है। नई व्यवस्था के तहत कारोबारी अब दिल्ली नगर निगम (MCD), नई दिल्ली नगर परिषद (NDMC) या दिल्ली छावनी परिषद से लाइसेंस प्राप्त कर सकेंगे।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस फैसले को “सरकार के दूरदर्शी दृष्टिकोण” का हिस्सा बताया और कहा कि यह ‘अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार’ की नीति को धरातल पर उतारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इससे कारोबारियों को न केवल प्रशासनिक जटिलताओं से राहत मिलेगी, बल्कि पुलिस को भी अपनी मुख्य भूमिका — कानून व्यवस्था बनाए रखने — पर फोकस करने का अवसर मिलेगा।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भी कहना है कि पुलिस का कार्य व्यापारियों को लाइसेंस देना नहीं, बल्कि अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना है।

उपराज्यपाल सक्सेना ने यह भी कहा कि पुलिस को इससे प्रशासनिक बोझ से मुक्ति मिलेगी और व्यवसायी भी सुगमता से अपने कारोबार को आगे बढ़ा सकेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब किसी भी कारोबारी को पुलिस से एनओसी की जरूरत नहीं होगी, जिससे प्रक्रियाएं सरल और पारदर्शी बनेंगी।

यह निर्णय राजधानी दिल्ली को कारोबार के लिए एक मॉडल शहर बनाने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम माना जा रहा है।

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