CG:दुर्ग में जनजातीय समाज के योगदान पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित

cg:दुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय के इतिहास विभाग में ‘भारतीय इतिहास में जनजातीय समाज के योगदान’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में दुर्ग संभागायुक्त सत्यनारायण राठौर ने भाग लिया।
संभागायुक्त राठौर ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा
अपने उद्घाटन भाषण में संभागायुक्त राठौर ने जनजातीय समाज की समृद्ध संस्कृति और गौरवशाली इतिहास पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में कई महान स्वतंत्रता सेनानियों का जन्म जनजातीय समाज में हुआ था, जिनमें शहीद वीर नारायण सिंह, शहीद गुंडाधुर और गेंद सिंह जैसे क्रांतिकारी शामिल हैं। इन सेनानियों ने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। राठौर ने यह भी बताया कि जनजातीय समाज का जीवन हमेशा से प्रकृति से जुड़ा रहा है और उन्होंने अपनी संस्कृति और परंपराओं के माध्यम से पर्यावरण की रक्षा की है।
अथिति के रूप में छत्तीसगढ़ इतिहास की परिषद अध्यक्ष
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ इतिहास परिषद की अध्यक्ष डॉ. आभा आर. पाल ने विषय के चयन के लिए इतिहास विभाग को बधाई दी और कहा कि जनजातीय समाज पर शोध की असीम संभावनाएँ हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय इतिहास में जनजातीय समाज का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है।
जनजातीय आंदोलन का महत्व पर प्रकाश
महाविद्यालय के प्राचार्य और संगोष्ठी के संरक्षक डॉ. अजय सिंह ने जनजातीय आंदोलनों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह संगोष्ठी शोधार्थियों के लिए एक बेहतरीन अवसर है, जिसमें वे जनजातीय समाज के इतिहास को और अधिक जान सकेंगे।
उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता डॉ. रविंद्र शर्मा ने भारतीय उपमहाद्वीप की सैन्य व्यवस्था में जनजातीय समाज के योगदान पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। उन्होंने आदिवासी विद्रोहों और स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समाज की भूमिका को विस्तार से बताया।
डॉ.अनिल कुमार ने आशा जताई
संगोष्ठी के संयोजक और इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार पांडे ने आशा जताई कि इस संगोष्ठी से जनजातीय समाज की भूमिका को समाज और राष्ट्र के सामने बेहतर तरीके से प्रस्तुत किया जाएगा। संगोष्ठी के दौरान, संभागायुक्त राठौर द्वारा शोध स्मारिका और डॉ. निवेदिता वर्मा की पुस्तक ‘जनजातीय संस्कृति’ का विमोचन भी किया गया।
इस अवसर पर आईजी रामगोपाल गर्ग, एसडीएम हरवंश मिरी और अन्य वरिष्ठ विद्वान तथा शोधार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. ज्योति धारकर ने किया।