पीएम आवास योजना में बड़ा बदलाव: 2500 वर्गफीट से अधिक प्लाट वाले भी होंगे पात्र

दुर्ग। राज्य शासन ने प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के तहत लाभार्थी आधारित निर्माण (बीएलसी) घटक में अहम संशोधन किए हैं।
अब तक योजना में 2500 वर्गफीट से अधिक क्षेत्रफल वाले भू-खण्ड के स्वामी अपात्र माने जाते थे, लेकिन नए दिशा-निर्देशों के अनुसार इस सीमा को पूरी तरह हटा दिया गया है। इससे बड़े प्लाट स्वामी भी योजना का लाभ उठा सकेंगे और शहर में आवास निर्माण को गति मिलेगी।
पात्रता मानदंड
नए नियमों के अनुसार, आवेदक की वार्षिक आय तीन लाख रुपये या उससे कम होनी चाहिए। परिवार के किसी भी सदस्य का पक्का मकान नहीं होना चाहिए। इससे योजना के मूल उद्देश्य—आवश्यकता वाले नागरिकों को आवास उपलब्ध कराना—को मजबूती मिलेगी।
निगम प्रशासन का बयान
निगम आयुक्त सुमीत अग्रवाल ने बताया कि यह सुधार अधिक संख्या में वास्तविक जरूरतमंद लाभार्थियों को सहायता देने और शहर में आवास निर्माण को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। उन्होंने निगम के वास्तुविदों को निर्देश दिया है कि नए संशोधित पात्रता मानदंडों के अनुसार अधिक से अधिक संभावित हितग्राहियों की पहचान करें।
कमजोर वर्ग को राहत
आयुक्त ने कहा कि यह बदलाव न केवल बड़े भू-खण्ड स्वामियों को लाभ देगा, बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए भी बड़ी राहत साबित होगा। नई गाइडलाइन से योजना का प्रभाव शहर में और व्यापक होगा और लाभार्थियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
निगम प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे नई पात्रता मानदंडों के अनुसार अपनी पात्रता जांचें और आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन करें। इस बदलाव से पीएम आवास योजना शहरी 2.0 का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचेगा और शहर में स्थायी आवास की संख्या बढ़ेगी।





