ओएचई करंट से मजदूर की मौत, DRM ऑफिस के बाहर परिजन और आंदोलनकारी डटे
1 करोड़ मुआवजा और पत्नी को नौकरी की मांग

बिलासपुर। बिलासपुर रेलवे के कोचिंग डिपो में ओएचई तार के करंट से मजदूर प्रताप बर्मन की मौत के बाद बवाल मच गया। मृतक मजदूर के परिजन, समाज के लोग और स्थानीय संगठन डीआरएम कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने भंडारा लगाकर रात भी बिताई। आंदोलनकारी मृतक परिवार को 1 करोड़ रुपए मुआवजा, पत्नी को नौकरी और बच्चे की पढ़ाई का खर्च उठाने की मांग कर रहे हैं।

मृतक की मौत के बाद रेलवे प्रशासन और ठेकेदार ने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया, जिससे परिवार और परिजन परेशान रहे। मंगलवार से डीआरएम ऑफिस का घेराव शुरू हुआ, बुधवार को भी प्रदर्शन जारी रहा। गुरुवार सुबह इलाज के दौरान मजदूर की मौत हुई, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों का आक्रोश और बढ़ गया। शव जिला चिकित्सालय पहुंचे बिना पोस्टमॉर्टम में देरी हुई, पुलिस ने दस्तावेज़ न देने का हवाला दिया। परिजन ने शव यात्रा निकाली और डीआरएम कार्यालय के सामने प्रदर्शन शुरू कर दिया।

रेलवे प्रशासन ने 21 लाख रुपए का मुआवजा प्रस्ताव रखा, लेकिन परिवार ने इसे ठुकरा दिया। परिजन और भीम आर्मी के कार्यकर्ता डीआरएम ऑफिस पर रात भर डटे रहे। मृतक की पत्नी खुशबू बर्मन ने कहा कि पति की लापरवाही से हुई मौत के बाद परिवार का भार उनके ऊपर है, इसलिए उन्हें नौकरी और मुआवजा चाहिए। डीआरएम कार्यालय सुरक्षा कारणों से छावनी में बदल दिया गया। मौके पर पुलिस, आरपीएफ और अन्य अधिकारी तैनात रहे। आंदोलनकारियों ने रेलवे प्रशासन से दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की भी मांग की।





