
economic survey: आज दिल्ली के संसद भवन में बजट सत्र की शुरुआत हो चुकी है, जहाँ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में इकोनॉमिक सर्वे पेश किया, अब आपमें से कई लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा होगा की ये इकोनॉमी सर्वे आखिर होता क्या है तो चैलये आज हम आपको एक उदाहरण के तौर पे ये बताते हैं की आखिर इकोनॉमी सर्वे होता क्या है, मान लीजिये आप एक मिडिल क्लास फैमिली से बिलोंग करते है, क्यूंकि हर मिडिल क्लास फैमिली में एक ज्यादातर घरों में एक डायरी बनाई जाती है। इस डायरी में पूरा हिसाब-किताब होता हैं। और फिर साल खत्म होने के बाद जब हम देखते हैं तो पता चलता है कि हमारा घर कैसा चला? हमने कहां खर्च किया? कितना कमाया? कितना बचाया? इसके आधार पर फिर हम तय करते हैं कि हमें आने वाले साल में किस तरह खर्च करना है? बचत कितनी करनी है? हमारी हालत कैसी रहेगी? ठीक हमारे घर की डायरी की तरह ही होता है इकोनॉमिक सर्वे। इससे पता चलता है कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था की हालत कैसी है? इकोनॉमिक सर्वे में बीते साल का हिसाब-किताब और आने वाले साल के लिए सुझाव होता , चुनौतियां और समाधान का जिक्र रहता है। इकोनॉमिक सर्वे में जीडीपी ग्रोथ, महंगाई दर, वित्तीय घाटे और रोजगार जैसे महत्वपूर्ण आंकड़ों के बारे में विस्तार से बताया जाता है।और ये इकोनॉमिक सर्वे को बजट से एक दिन पहले पेश किया जाता है।
यह इकोनॉमिक सर्वे चालू वित्त वर्ष में इकोनॉमी की परफॉर्मेंस के आकलन के साथ देश के सामने आने वाली चुनौतियों को बयां करता है। केंद्रीय बजट से पहले संसद में पेश होने वाला इकोनॉमिक सर्वे सुधारों और विकास का खाका भी प्रदान करता है। मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन के नेतृत्व वाली टीम ने इस सर्वे को तैयार किया है। यह अगले वित्त वर्ष के लिए दिशा प्रदान करने के अलावा अर्थव्यवस्था और विभिन्न क्षेत्रों में विकास की रूपरेखा को बयां करता है।