Indore: कुश्ती चैंपियन शिवानी ने कहा-नियमों के हिसाब ट्रायल्स होते तो ओलंपिक मेडल देश की झोली मेें होता

सौ ग्राम वजन कम ज्यादा होने से ओलंपिक के मुकाबले में अयोग्य करार हुई पहलवान विनेश फोगोट के साथ खेलप्रेमियोंं को सहानुभूति है। इसे लेकर पहलवानों की प्रतिक्रिया भी आ रही है। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के उमरेठ गांव की महिला पहलवान शिवानी पंवार को इसका बड़ा दुख है।
उनका कहना है कि विनेेश फायनल मुकाबला जितने की योग्यता रखती थी, लेकिन वजन के कारण वह फायनल नहीं खेल पाई। कुश्ती चैंपियन शिवानी ने कहा कि यदि नियमों के हिसाब से ट्रायल्स के माध्यम से चयन होता तो कुश्ती में स्वर्ण पदक देश की झोली में होता।
हम आपको बता दे कि मध्य प्रदेश की शिवानी ने एशियन चैंपियनशिप में 50 किलोग्राम वजन वर्ग में विश्व चैंपियनशिप पदक प्राप्त करने वाली पहलवान को हराकर देश के लिए पदक जीता था। अच्छा प्रदर्शन होने के बावजूद शिवानी का चयन ओलंपिक के लिए नहीं हो सका और उसके बजाए विनेश को मौका मिला, क्योकि विनेश को ट्रायल्स में 50 और 53 किलोग्राम वजन में कुश्ती लड़ाई गई थी।
नियमों को शिथिल करते हुए 50 किलोग्राम वजन के लिए मुकाबला चार घंटे रोक दिया गया था। तब शिवानी ने विरोध किया तो मुकाबला हुआ, लेकिन पांच अंक आगे रहने के बावजूद शिवानी को कम अंक दिए गए और विनेश को विजेता घोषित कर दिया। अब शिवानी ने इसके खिलाफ भारतीय कुश्ती संघ व भारतीय ओलंपिक संघ में शिकायत दर्ज कराई थी।
पदक नहीं मिलने का दुख मुझे भी
शिवानी कहती है कि मैं किसी विवादों में पड़ना नहीं चाहती। मुझे अपने खेल पर फोकस करना है। विनेश के अयोग्य करार होने से भारत के मुकाबले से बाहर होने का दुख है। मैं तो बस इतना कहना चाहूंगी कि सिस्टम के हिसाब से चयन होना चाहिए, लेकिन फिर इस तरह की स्थिति न बने।





