भारत की 6G योजना से अर्थव्यवस्था में आएगा 1.2 ट्रिलियन डॉलर का उछाल

नई दिल्ली — भारत अब तकनीक का उपभोक्ता नहीं, बल्कि वैश्विक तकनीक निर्माता बनने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ा रहा है। देश की 6G योजना से साल 2035 तक 1.2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त आर्थिक वृद्धि होने का अनुमान है। यह घोषणा अंतरराष्ट्रीय 6G संगोष्ठी में की गई, जो के दौरान आयोजित हुई।

दूरसंचार मंत्री ने कहा कि भारत 4G में पीछे था, 5G में बराबरी पर रहा, लेकिन अब 6G में दुनिया का नेतृत्व करेगा।

6G प्लान की बड़ी बातें

  • भारत ने लक्ष्य रखा है कि वह वैश्विक 6G पेटेंट्स में 10% तक की हिस्सेदारी हासिल करेगा।
  • 6G सिर्फ टेलीकॉम ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, कृषि, आपदा प्रबंधन और स्मार्ट सिटी जैसे क्षेत्रों में भी क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।
  • सैटेलाइट कम्युनिकेशन बाजार, जो फिलहाल करीब 4 बिलियन डॉलर का है, 2033 तक बढ़कर लगभग 15 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है।
  • PLI योजना के तहत अब तक टेलीकॉम क्षेत्र में करीब 91,000 करोड़ रुपये का उत्पादन, 30,000 से ज्यादा नौकरियां और 18,000 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ है।

सरकार की रणनीति और चुनौतियां

मंत्री सिंधिया ने कहा कि अब लक्ष्य सिर्फ तकनीक अपनाना नहीं बल्कि अपने मानक और तकनीक तैयार करना है। इसके लिए सरकार इन बातों पर जोर दे रही है—

  • स्वदेशी 6G तकनीक और स्टैंडर्ड्स विकसित करना।
  • उद्योग, शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी एजेंसियों के बीच सहयोग बढ़ाना।
  • “India 6G Alliance” के तहत घरेलू समाधान तैयार करना।
  • ग्राउंड से लेकर स्पेस तक टेलीकॉम और सैटेलाइट टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता हासिल करना।

भारत की यह 6G योजना न सिर्फ संचार व्यवस्था में क्रांति लाएगी, बल्कि आने वाले दशक में देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा सकती है।

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