बहू की आत्महत्या मामले में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: पति और ससुर बरी

रायपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बहू की आत्महत्या के मामले में पति और ससुर को बरी कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि ससुराल में की गई टिप्पणियां इतनी गंभीर नहीं थीं कि महिला को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़े। निचली अदालत ने दोनों को 7-7 साल की सजा सुनाई थी, जिसे अब हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। यह मामला 13 साल पुराना है, जब महिला ने केरोसिन डालकर आत्महत्या कर ली थी।

टिप्पणी और अपशब्द को पर्याप्त कारण नहीं माना

कोर्ट ने कहा कि अपमानजनक या कटु टिप्पणियां अगर मान भी ली जाएं, तो भी यह साबित नहीं होता कि महिला के पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं था। कोर्ट ने माना कि घटना से ठीक पहले कोई ऐसी घटना या शब्द नहीं हुए, जो सीधे तौर पर उसे उकसाने जैसे हों।

मजिस्ट्रेट के सामने बयान और परिवार के आरोप

महिला ने मौत से पहले मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया था कि ससुराल वालों की बातों से आहत होकर उसने खुद को आग लगाई। उसके माता-पिता और भाई ने भी कहा कि उसके साथ अक्सर झगड़े होते थे और मानसिक प्रताड़ना दी जाती थी।

12 साल पुरानी शादी, धारा 113A का लाभ नहीं

कोर्ट ने कहा कि शादी को 12 साल हो चुके थे, जबकि धारा 113A के तहत आत्महत्या पर कानूनन अनुमान केवल 7 साल के भीतर की शादी पर लगता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि गुस्से या भावावेश में कहे गए शब्द, अगर उनकी मंशा आत्महत्या के लिए उकसाने की न हो, तो उन्हें दुष्प्रेरणा नहीं माना जा सकता।

Show More
Follow Us on Our Social Media
Back to top button
सोनम ने ही राजा को दिया था खाई में धक्का… आरोपियों ने बताई सच्चाई मेघालय में इंदौर के राजा रघुवंशी मर्डर केस में बड़ा खुलासा…
सोनम ने ही राजा को दिया था खाई में धक्का… आरोपियों ने बताई सच्चाई मेघालय में इंदौर के राजा रघुवंशी मर्डर केस में बड़ा खुलासा…