बी.एड : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला सहायक शिक्षकों की महा रैली

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर जहाँ एक तरफ सरकार बेटियों को लेकर बड़े बड़े वादे करते है वही दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ की महिला सहायक शिक्षकों के संघर्ष कुछ और ही बयां कर रहा है हैं , जो अपनी सेवा सुरक्षा और समायोजन की मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रही हैं।
दरअसल इस विशेष मौके पर, छत्तीसगढ़ की महिला सहायक शिक्षकों ने पावर हाउस भिलाई से घड़ी चौक सुपेला तक एक महा रैली का आयोजन किया। यह रैली हजारों महिला शिक्षकों की भागीदारी के साथ निकाली गई, जिसमें शिक्षक संघों और विभिन्न संगठनों ने उनका समर्थन किया।
यह रैली छत्तीसगढ़ मजदूर संघ के बैनर तले आयोजित की गई थी और इसका मुख्य उद्देश्य उन सहायक शिक्षकों की आवाज़ उठाना था, जिन्हें कोर्ट के आदेश के बाद 1.5 वर्ष की सेवा के बावजूद बर्खास्त कर दिया गया। ये शिक्षक, विशेष रूप से बस्तर और सरगुजा संभाग के है , जो लगातार अपनी नौकरी बहाली और समायोजन की मांग कर रहे हैं।
महिला शिक्षिकाओं ने इस आंदोलन को एक नई दिशा देते हुए अनूठे प्रदर्शन किए। जल सत्याग्रह, सामूहिक उपवास, सामूहिक मुंडन, यज्ञ-हवन, और दंडवत प्रदर्शन जैसे विभिन्न तरीकों से इन शिक्षिकाओं ने अपने संघर्ष को जारी रखा है।
इन्हीं संघर्षों को और मजबूत करते हुए, 7 मार्च को शिक्षिकाओं ने विधानसभा रोड पर वीआईपी मूवमेंट और मंत्रियों के काफिले के सामने पोस्टर और तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया, ताकि शासन-प्रशासन उनकी मांगों को गंभीरता से ले।
अब बात करते हैं सहायक शिक्षकों के मांगो की
सेवा सुरक्षा और समायोजन – बर्खास्त सभी सहायक शिक्षकों की सेवा पुनः बहाल की जाए।
स्थायी समाधान – सरकार शीघ्र ही शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए ठोस नीति बनाए।
संविधानिक अधिकारों की रक्षा – शिक्षकों को रोजगार से वंचित करना अन्यायपूर्ण है, इसे तुरंत सुधारा जाए।
महिला शिक्षिकाओं ने यह स्पष्ट किया है कि यदि सरकार जल्द ठोस निर्णय नहीं लेती, तो उनका आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है। उन्होंने कहा कि यह अब केवल सहायक शिक्षकों का मुद्दा नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण और न्याय का भी बड़ा मुद्दा बन चुका है।