End of Naxalism 2025 : नक्सलवाद के खात्मे की ओर एक और बड़ा कदम, जानिए इस खास रिपोर्ट

End of Naxalism 2025 : बीजापुर मुठभेड़: 4 नक्सली ढेर, 2026 तक नक्सल मुक्त भारत की ओर तेज़ कदम, ऑपरेशन मानसून का असर: जंगल में घिरे नक्सली, जवानों ने किया सफाया, नक्सली नेटवर्क ढह रहा है: सुधाकर और बसवा राजू जैसे बड़े चेहरे ढेर, देखिये इस खास रिपोर्ट में.....

बीजापुर : छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के घने जंगलों में एक बार फिर गोलियों की गूंज सुनाई दी।(End of Naxalism 2025) शनिवार शाम को बासागुड़ा क्षेत्र में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई जबरदस्त मुठभेड़ में चार नक्सली मारे गए। यह घटना सिर्फ एक मुठभेड़ नहीं, बल्कि नक्सलवाद के खात्मे की ओर बढ़ता हुआ एक अहम कदम माना जा रहा है।

मुठभेड़ कैसे हुई?

बीजापुर के दक्षिण-पश्चिमी जंगलों में पुलिस को नक्सलियों की मौजूदगी की पुख्ता सूचना मिली थी। इस सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। जैसे ही जवान जंगल के भीतर पहुंचे, नक्सलियों ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी। जवाब में सुरक्षाबलों ने भी मोर्चा संभालते हुए ताबड़तोड़ फायरिंग की। इस भीषण मुठभेड़ में चार नक्सली मौके पर ही मारे गए।

बरामदगी और ऑपरेशन की स्थिति

घटनास्थल से सुरक्षाबलों ने कई हथियार और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की है। फिलहाल इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है और जवानों की तैनाती बनी हुई है ताकि बचे हुए नक्सलियों को भी पकड़ा जा सके या समाप्त किया जा सके।

2025 में नक्सल विरोधी अभियान की प्रगति(End of Naxalism 2025) 

वर्ष 2025 की शुरुआत से ही छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान तेज हो गया है। खासकर ऑपरेशन मानसून के तहत सुरक्षा बलों ने बारिश के मौसम में भी सर्च अभियान जारी रखा है।

– 5 जुलाई 2025 को बीजापुर में एक नक्सली मारा गया।
– 8 जुलाई को नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र में छह नक्सली मारे गए।
– इसके अलावा, 5 जून को एक करोड़ का इनामी नक्सली सुधाकर ढेर किया गया, जबकि
-21 मई को अबूझमाड़ के जंगलों में 10 करोड़ का इनामी नक्सली बसवा राजू** मारा गया।

इन घटनाओं से स्पष्ट है कि सुरक्षा बलों को लगातार बड़ी सफलता मिल रही है।

सरकार का लक्ष्य: 2026 तक नक्सल मुक्त भारत

साल 2024 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के दौरे के दौरान ऐलान किया था कि 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। इस घोषणा के बाद से राज्य में नक्सल विरोधी अभियानों की गति और आक्रामकता में स्पष्ट तेजी आई है।

कमजोर हो रहा नक्सली नेटवर्क(End of Naxalism 2025) 

बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा और नारायणपुर जैसे दुर्गम नक्सल क्षेत्रों में अब सुरक्षा बलों की पकड़ मजबूत होती जा रही है। मुठभेड़ों में मारे जा रहे नक्सलियों की बढ़ती संख्या और हथियारों की जब्ती यह दर्शाती है कि नक्सल नेटवर्क अब कमजोर पड़ता जा रहा है।

नक्सलवाद की समाप्ति का मिशन मजबूत

बीजापुर की ताज़ा मुठभेड़ और 2025 में अब तक हुई कार्रवाइयां यह संकेत देती हैं कि सरकार और सुरक्षा एजेंसियां नक्सलवाद की समाप्ति के मिशन में मजबूती से आगे बढ़ रही हैं। अगर यही रफ्तार बनी रही तो **2026 तक नक्सल मुक्त भारत** का सपना अब ज्यादा दूर नहीं। लेकिन यह भी जरूरी है कि स्थानीय लोगों की भागीदारी, विकास और विश्वास को प्राथमिकता दी जाए, ताकि नक्सल विचारधारा की पुनरावृत्ति न हो सके।(End of Naxalism 2025)

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