महासमुंद जिले के दुर्गा स्वयं सहायता समूह का महिला सशक्तिकरण में अहम योगदान

महासमुंद:महासमुंद जिले के ग्राम भोरिंग में पिछले छह वर्षों से संचालित दुर्गा स्वयं सहायता समूह ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बनकर उभरा है। यह महिला समूह न केवल पर्यावरण अनुकूल और स्वदेशी उत्पादों के निर्माण में अग्रसर है, बल्कि स्थानीय बाजारों में अपने उत्पादों की बिक्री से आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी बन रहा है।
दुर्गा स्वयं सहायता समूह द्वारा निर्मित हर्बल गुलाल पूरी तरह से प्राकृतिक और हानिकारक रसायनों से मुक्त है, जिसे भाजी और फूलों से तैयार किया जाता है। यह उत्पाद विशेष रूप से होली के त्योहार के दौरान स्थानीय बाजारों में बिक्री के लिए उपलब्ध होता है और उसकी मांग भी बहुत अधिक रहती है। हर्बल गुलाल के अलावा, समूह विभिन्न उपयोगी उत्पाद जैसे बर्तन धोने और नहाने का साबुन, बर्तन साफ करने का लिक्विड, वाशिंग पाउडर, मोमबत्ती, हर्बल शैंपू, जैविक खाद, अगरबत्ती, करी लड्डू, बड़ी, पापड़, आचार और सैनिटाइज़र आदि का निर्माण भी करता है।
समूह की अध्यक्ष श्रीमती कुमारी साहू ने बताया कि उनके समूह में 10 से अधिक महिलाएं कार्यरत हैं और उन्हें शासन की विभिन्न योजनाओं का पूरा लाभ मिल रहा है। बिहान योजना के तहत समूह को संचालन हेतु लोन प्राप्त हुआ है, जिससे वे अपने उद्यम को और आगे बढ़ा पा रही हैं। इसके अलावा, महतारी वंदन योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता से उनके कार्यों में और तेजी आई है।
श्रीमती साहू ने सरकार की सराहना करते हुए कहा कि विष्णु देव साय सरकार महिलाओं को प्राथमिकता देते हुए उनके सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। दुर्गा स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाएं न केवल अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार रही हैं, बल्कि वे समाज में एक नई पहचान भी बना रही हैं।
दुर्गा स्वयं सहायता समूह एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जो यह दर्शाता है कि महिला सशक्तिकरण केवल आर्थिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सामाजिक पहचान और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है।