मध्य प्रदेश में जबरन धर्मांतरण पर फांसी की सजा, लव जिहाद पर सख्ती

मध्य प्रदेश सरकार जबरन धर्म परिवर्तन कराने वालों के खिलाफ कड़ा कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर ऐलान किया कि राज्य में लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण करने वालों को फांसी की सजा दी जाएगी। इसके लिए मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में बदलाव किया जाएगा।
क्या है धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम?
मध्य प्रदेश में पहले से ही धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 लागू है, जिसमें जबरन धर्मांतरण कराने वालों के लिए 10 साल तक की सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान है। लेकिन अब सरकार इस कानून को और सख्त बनाने जा रही है, जिसमें फांसी की सजा तक का प्रावधान किया जाएगा।मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि राज्य में लव जिहाद और जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए सख्त कानून बनाना जरूरी हो गया है। सरकार इस कानून में बदलाव कर जल्द ही विधानसभा में पेश करेगी।
क्यों हो रहा है कानून में बदलाव?
राज्य सरकार का मानना है कि जबरन धर्मांतरण और लव जिहाद से महिलाओं का शोषण और समाज में अस्थिरता बढ़ रही है। सरकार इसे एक गंभीर अपराध मानते हुए कठोर दंड लागू करना चाहती है, ताकि अपराधियों में डर बना रहे।
नए कानून के तहत क्या होगा?
- जबरन धर्मांतरण करने वालों को फांसी की सजा तक दी जा सकेगी।
- लव जिहाद के मामलों में भी कड़ी कार्रवाई होगी।
- सख्त जांच प्रक्रिया अपनाई जाएगी और दोषियों को कठोर दंड मिलेगा।
- पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए विशेष अदालतों का गठन किया जा सकता है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस फैसले पर विपक्ष और सामाजिक संगठनों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग इसे महिला सुरक्षा के लिए जरूरी बता रहे हैं, तो कुछ इसे सख्त और कठोर कानून मान रहे हैं।मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव विधानसभा में पेश करेगी। अगर यह कानून लागू होता है, तो देश में यह धर्मांतरण के खिलाफ सबसे कठोर कानूनों में से एक होगा।