Wakf Board: CG वक्फ बोर्ड का बड़ा आदेश, निकाह पढ़ाने के लिए मौलवी, हाफिज और ईमाम 1100 रुपये से ज्यादा की नहीं कर सकते मांग

Wakf Board: रायपुर। छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है, जिससे मुस्लिम समाज में निकाह को लेकर चल रही मनमानी वसूली पर लगाम लगेगी। अब मौलवी, हाफिज, कारी और ईमाम निकाह पढ़ाने के एवज में अधिकतम ₹1100 तक ही शुल्क ले सकेंगे।
इस राशि को भी केवल नज़राने के रूप में स्वीकार करना होगा, न कि जबरन वसूली के रूप में। वक्फ बोर्ड को शिकायतें मिली थीं कि निकाह पढ़ाने वाले धर्मगुरु कई बार परिवारों से भारी रकम वसूलते हैं, जो कि इस्लामी सिद्धांतों और शरियत के खिलाफ है। इसे देखते हुए बोर्ड ने सभी मस्जिद, मदरसे, यतीमखाने, दरगाह और ईदगाहों के मुतवल्लियों को निर्देश जारी किए हैं।
नई गाइडलाइन के मुख्य बिंदु:
निकाह पढ़ाने की राशि ₹11 से ₹1100 के बीच ही हो सकती है।
यह रकम परिवार की स्वेच्छा से दी जानी चाहिए, न कि अनिवार्य रूप से।
मनमानी वसूली पर सख्त कार्यवाही की चेतावनी।
निकाह रजिस्टर का संधारण हर वर्ष किया जाए और संस्था की आय में शामिल कर रिपोर्ट भेजी जाए।
बोर्ड ने कहा है कि इस निर्णय का मकसद गरीब और बेसहारा परिवारों को राहत देना है, ताकि वे बिना आर्थिक बोझ के अपने बच्चों का निकाह कर सकें। इस्लाम में निकाह को आसान और सुलभ बनाने की परंपरा रही है, लेकिन बीते समय में इसमें धन की मांग बढ़ने से कई परिवारों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। अगर कोई संस्था या मौलाना इस आदेश का उल्लंघन करता है, तो वक्फ बोर्ड उनके मुतवल्ली के खिलाफ वक्फ अधिनियम 1995 (संशोधित 2025) के तहत कार्यवाही करेगा।





