शाही खर्च को GST में आम दिखा रहे कारोबारी, 5000 मामले संदिग्ध
पहली बार होटल, कैटरिंग और इवेंट मैनेजमेंट पर हाईटेक जांच

रायपुर। छत्तीसगढ़ में पहली बार जीएसटी विभाग ने एआई तकनीक का इस्तेमाल कर कारोबारियों के रिटर्न की हाईटेक जांच शुरू की है। ई-वे बिल पोर्टल और आईपी एड्रेस एनालिसिस से पता चला है कि 5000 से अधिक कारोबारियों के रिटर्न संदिग्ध हैं। इन पर नोटिस भेजे जा रहे हैं।
इस जांच में पहली बार होटल, कैटरिंग, डेकोरेशन, मैरिज पैलेस, फूल व्यापारी और रिसोर्ट मालिक रडार पर आए हैं। अफसरों के मुताबिक, कई इवेंट का खर्च 10 करोड़ तक है, कैटरिंग में एक प्लेट की कीमत 8 हजार तक, लेकिन रिटर्न में सिर्फ 500 रुपए तक दर्ज की जा रही है। मुंबई से कलाकार बुलाने पर 15-50 लाख खर्च होने के बावजूद पक्का बिल नहीं दिया जा रहा। नियमानुसार 200 रुपए से ज्यादा के खर्च का पक्का बिल देना और उसमें सीजीएसटी-एसजीएसटी का उल्लेख जरूरी है, लेकिन कई व्यापारी इसे नजरअंदाज कर रहे हैं। इनके कारोबार का आधा भी रिटर्न में नहीं दिखाया जा रहा।
इन कारोबारियों के संदिग्ध रिटर्न मिले
जांच में लोहा, सीमेंट, ज्वेलरी, प्लायवुड, सेनेटरी और ग्रॉसरी कारोबारियों के भी संदिग्ध रिटर्न मिले हैं। कई कंपनियां कागजों में मौजूद हैं लेकिन फील्ड में दफ्तर तक नहीं हैं। ऐसे कारोबारी खरीद कम और बिक्री ज्यादा दिखाकर टैक्स चोरी कर रहे हैं। 20 अगस्त के बाद इन पर छापामार कार्रवाई होगी।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य ने जीएसटी और वैट से 23448 करोड़ का कर राजस्व जुटाया, जो कुल कर का 38% है। 18% की जीएसटी वृद्धि दर के साथ छत्तीसगढ़ देश में अव्वल है। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा है कि टैक्स चोरी किसी हाल में बर्दाश्त नहीं होगी।
इतने कारोबारियों ने कराया पंजीयन
स्टेट जीएसटी में पंजीकरण: 1.20 लाख
सेंट्रल जीएसटी में पंजीकरण: 70 हजार
कुल पंजीकृत कारोबारी: 1.90 लाख





