शीशा टूटना: शुभ संकेत या अशुभ? जानिए शकुन शास्त्र में इसका महत्व

नई दिल्ली, 29 अप्रैल 2025:
हिन्दू धर्म और सनातन परंपरा में शकुन-अपशकुन का विशेष महत्व है। रोजमर्रा की जिंदगी में घटने वाली कुछ घटनाओं को शास्त्रों में शुभ या अशुभ संकेत के रूप में देखा गया है। ऐसा ही एक आम अनुभव है — शीशे या कांच का टूटना। सवाल यह उठता है कि क्या कांच का टूटना शुभ संकेत है या यह किसी अनहोनी की चेतावनी देता है?

शकुन शास्त्र के अनुसार, घर में दर्पण या किसी अन्य कांच की वस्तु का टूटना अपशकुन माना जाता है। विशेष रूप से जब कांच हाथ से गिरकर टूटे, तो इसे नकारात्मक ऊर्जा और संभावित परेशानी का संकेत समझा जाता है। इसी तरह, टूटे हुए दर्पण में देखने को भी अशुभ कहा गया है, जो मानसिक अस्थिरता और भ्रम का प्रतीक हो सकता है।

कांच के अलावा शकुन शास्त्र में कई अन्य संकेतों का भी उल्लेख है। उदाहरण के लिए, सुबह-सुबह दूध देखना या दूध का उबलकर गिरना शुभ माना गया है, जबकि दूध का बिखरना अशुभ होता है। इसी तरह, घर से निकलते समय खाली बाल्टी देखना या काले कपड़े पहने व्यक्ति का सामने आना अपशकुन की श्रेणी में आता है।

शकुन-अपशकुन से जुड़ी इन मान्यताओं का वैज्ञानिक आधार नहीं है, लेकिन इनका प्रभाव सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से देखने को मिलता है। विशेषकर ग्रामीण और पारंपरिक समाज में लोग आज भी इन संकेतों को गंभीरता से लेते हैं।

हालांकि, यह आवश्यक है कि हम अंधविश्वास और परंपरा के बीच संतुलन बनाए रखें। सकारात्मक सोच और कर्म में विश्वास रखते हुए हम अपने जीवन को दिशा दे सकते हैं।

(डिस्क्लेमर: यह लेख धार्मिक मान्यताओं और लोक परंपराओं पर आधारित है। इसका उद्देश्य जागरूकता फैलाना है, न कि किसी अंधविश्वास को बढ़ावा देना।)

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