ब्रेन फॉग: कोई बीमारी नहीं, लेकिन दिमागी थकान का गंभीर संकेत

अगर आप अकसर ये सोचते हैं कि “फोन कहाँ रखा? कॉल किसका था? या “क्लास की टाइमिंग क्या थी?” — तो इसे हल्के में मत लीजिए। यह ब्रेन फॉग के लक्षण हो सकते हैं। यह कोई बीमारी नहीं, बल्कि एक मानसिक स्थिति है जिसमें दिमाग पर जैसे “धुंध” छा जाती है और सोचने, समझने और याद रखने की क्षमता प्रभावित होती है।
ब्रेन फॉग के प्रमुख लक्षण
बार-बार चीजें भूल जाना – चाबी, फोन, मीटिंग टाइम भूल जाना
काम में ध्यान न लग पाना – हर चीज में मन भटकता है
सोचने में देरी होना – निर्णय लेने में कठिनाई
लगातार मानसिक थकावट-नींद के बावजूद थका हुआ महसूस होना
ब्रेन फॉग के कारण क्या हैं?
नींद की कमी – 7–8 घंटे से कम नींद दिमाग को सुस्त कर देती है
लगातार तनाव या चिंता – मानसिक दबाव दिमागी थकान का कारण बनता है
विटामिन B12 और आयरन की कमी – न्यूरोलॉजिकल कार्यों पर असर
थायरॉइड असंतुलन – हार्मोनल गड़बड़ी दिमागी स्पष्टता को प्रभावित करती है
कोविड-19 के बाद की स्थिति – कई लोगों में पोस्ट-कोविड मानसिक धुंध देखी गई
दवाओं के साइड इफेक्ट – खासकर एंटीहिस्टामिन या डिप्रेशन की दवाएं
कैसे पाएं ब्रेन फॉग से राहत?
नींद पूरी करें – हर दिन कम से कम 7-8 घंटे की गहरी नींद लें
संतुलित आहार लें – फलों, हरी सब्जियों, नट्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर भोजन
योग और मेडिटेशन करें – तनाव कम करने और फोकस बढ़ाने के लिए
स्क्रीन टाइम कम करें – डिजिटल डिटॉक्स को अपनी दिनचर्या में शामिल करें
रोजाना एक्सरसाइज करें – ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है जिससे दिमाग एक्टिव रहता है
अगर ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से परामर्श ज़रूरी है। ब्रेन फॉग से उबरना संभव है, बस जागरूकता और जीवनशैली में बदलाव की ज़रूरत है।





