BPSC PROTEST: भूख हड़ताल पर बैठे प्रशांत किशोर गिरफ्तार

पटना। जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर, जो 2 जनवरी से बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC PROTEST) में अनियमितताओं को लेकर पटना के गांधी मैदान में प्रदर्शन कर रहे थे। सोमवार 6 जनवरी को उन्हें पुलिस ने सुबह 4 बजे जबरन उठाकर ले गई। प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के दौरान जब उनके समर्थक विरोध करने लगे, तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
प्रशांत किशोर 2 जनवरी से गांधी मैदान में BPSC में हो रही अनियमितताओं के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। वह भूख हड़ताल (BPSC PROTEST) पर बैठे थे और 70वीं BPSC प्रारंभिक परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे थे। पुलिस ने प्रदर्शन स्थल खाली करवा दिया और प्रशांत किशोर को गिरफ्तार कर लिया क्योंकि वहां बिना अनुमति के प्रदर्शन किया जा रहा था। पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि प्रशांत और उनके समर्थक बिना अनुमति के धरना दे रहे थे।
प्रशांत की सेहत और कानूनी कार्रवाई
प्रशांत किशोर को पुलिस ने एंबुलेंस में AIIMS अस्पताल भेजा, लेकिन उन्होंने इलाज कराने से मना कर दिया और अपना अनशन जारी रखा। इस बीच, मुजफ्फरपुर कोर्ट में BPSC छात्रों को भड़काने के आरोप में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया। वहीं, पुलिस ने गांधी मैदान को खाली करवा लिया, जहां BPSC उम्मीदवार परीक्षा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।
प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के दौरान क्या हुआ?
- एक वीडियो में दिख रहा है कि पुलिस प्रशांत किशोर को जबरन उठाने की कोशिश कर रही है, जबकि उनके समर्थक उन्हें बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पुलिस ने इन समर्थकों को खींचकर हटा दिया।
- इस झगड़े के दौरान एक पुलिसकर्मी ने एक समर्थक को सिर पर थप्पड़ मारा। समर्थक का दावा है कि यह थप्पड़ प्रशांत किशोर को मारा गया था, लेकिन पुलिस ने इसे नकारा।
- अंत में पुलिस ने प्रशांत को घेर लिया, उन्हें उनकी चादर से खींचकर उठाया और ले गई।
प्रशांत का बयान गिरफ्तारी से पहले
गिरफ्तारी से पहले प्रशांत किशोर ने (BPSC PROTEST) कहा था कि वह 7 जनवरी को BPSC अनियमितताओं पर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से अपील की थी कि वे छात्र आंदोलन का नेतृत्व करें, क्योंकि वे बिहार में विपक्ष के प्रमुख नेता हैं।
प्रशांत ने यह भी कहा कि यह सिर्फ एक धरना नहीं है, बल्कि बिहार के लोगों की जिंदगी को सुधारने की एक मुहिम है। उन्होंने कहा, “मैं छात्रों का भविष्य सुधारना चाहता हूं। देखिए, ठंड में लोग गाना गा रहे हैं और धरना दे रहे हैं। मैं आरोपों का जवाब देने से थक गया हूं। यहां कोई वैनिटी वैन नहीं है; मैं यहीं छात्रों के साथ सोऊंगा।” पहले यह आरोप भी लगे थे कि प्रशांत धरनास्थल पर अपनी वैनिटी वैन लेकर आए थे।





