आत्मसमर्पण करते ही पुर्व नक्सली ने खोली संगठन की पोल, कही ये बात…

बीजापुर: नक्सल उन्मूलन में जुटे छत्तीसगढ़ पुलिस और अर्धसैनिक बलों को नक्सलवाद के खिलाफ आंदोलन में बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। जहां गंगालूर एरिया कमेटी के अंतर्गत सक्रिय 17 माओवादियों ने माओवादी विचारधारा से तौबा करते हुए पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। इनमें 24 लाख रुपये के इनामी 9 माओवादी भी शामिल हैं। जिसे लेकर इन आत्मसमर्पित नक्सलियो का कहना है कि वो छत्तीसगढ़ सरकार की नीतियों से प्रभावित हो कर नक्लसवाद छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं.
वहीं, इनमें से एक ने माओवादी संगठन में अपने 20 वर्षों के अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस तरह संगठन ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर भर्ती करता है और शासन के खिलाफ हिंसा के लिए मजबूर करता है। उन्होंने माओवादी साथियों से अपील की कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ें और शासन की योजनाओं का लाभ उठाएं।
बता दें कि इस वर्ष अब तक 65 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया, 137 माओवादी गिरफ्तार हुए और 56 माओवादी मुठभेड़ में मारे गए। माओवादियों का आत्मसमर्पण बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. वहीं इस बार 17 नक्सली, नक्लसवाद छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़े हैं. जिनके नाम इस प्रकार है-
- दिनेश मोड़ियम ऊर्फ बदरू मोड़ियम (DVCM) – 8 लाख रुपये इनामी
- ज्योति ताती ऊर्फ कला मोड़ियम (ACM) – 5 लाख रुपये इनामी
- दुला कारम (ACM) – 5 लाख रुपये इनामी
- भीमा कारम (मिलिशिया प्लाटून ए सेक्शन कमांडर) – 1 लाख रुपये इनामी
- शंकर लेकाम (जनताना सरकार अध्यक्ष) – 1 लाख रुपये इनामी
- सोमा कारम (डीएकेएमएस अध्यक्ष) – 1 लाख रुपये इनामी
- मंगू कड़ती (मिलिशिया प्लाटून कमांडर) – 1 लाख रुपये इनामी
- मोती कारम (केएएमएस अध्यक्ष) – 1 लाख रुपये इनामी
- अरविंद हेमला (पार्टी सदस्य) – 1 लाख रुपये इनामी
- आयतू कारम (जनताना सरकार सदस्य) – 1 लाख रुपये इनामी.