ईरान पर अमेरिका का परमाणु हमला: 6 दिन पहले से चल रही थी गुप्त योजना, अब तीसरे विश्वयुद्ध का खतरा

वॉशिंगटन:ईरान पर अमेरिका द्वारा किए गए परमाणु हमले की पूरी कहानी अब सामने आ रही है। यह हमला अचानक नहीं था, बल्कि इसकी रणनीति 6 दिन पहले ही तय कर ली गई थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 17 जून को G-7 सम्मेलन के बीच से अमेरिका लौटने के बाद इस ऑपरेशन की शुरुआत की। उनके निर्देश पर व्हाइट हाउस का सिचुएशन रूम सक्रिय हुआ और अमेरिकी नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल को तत्काल बैठक के लिए बुलाया गया।
इसके बाद अगले पांच दिनों तक युद्ध की तैयारी चली — मिडिल ईस्ट में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर सुरक्षा बढ़ाई गई, सैनिकों को बंकरों में शिफ्ट किया गया और बॉम्बर, फाइटर जेट्स, युद्धपोतों और पनडुब्बियों की तैनाती तेज की गई। अंततः 21 और 22 जून की रात अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हमला किया।
इस ऑपरेशन में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ, CIA डायरेक्टर जॉन रेटक्लिफ, NSA और विदेश मंत्री मार्को रुबियो, ज्वाइंट चीफ चेयरमैन डैन केन, CDS सुसी विल्स और व्हाइट हाउस के प्रमुख सलाहकार डेविड वेरिंगटन शामिल थे। यह सभी वरिष्ठ अधिकारी सिचुएशन रूम में मौजूद थे और हर कदम पर नजर रख रहे थे।
खास बात यह है कि इस हमले की योजना एक साल पहले से चल रही थी। अमेरिकी और इजरायली सेनाओं ने 2024 में ही इस मिशन का अभ्यास किया था। हालांकि, इजरायल को भी अंतिम समय में ही हमले की सूचना दी गई, ताकि गोपनीयता बनी रहे।
अब यह हमला वैश्विक शांति के लिए गंभीर खतरा बन गया है। विश्लेषकों का मानना है कि यह टकराव तीसरे विश्वयुद्ध की ओर बढ़ सकता है, जिससे पूरी दुनिया प्रभावित होगी। भारत समेत कई देश इस स्थिति से चिंतित हैं, खासकर ऊर्जा आपूर्ति और कूटनीतिक संतुलन को लेकर।





