AILSRA Hunger Strike: 48 घंटे भूखे रहकर ट्रेनें चला रहे लोको पायलट,देशभर में रनिंग स्टाफ का विस्फोटक आंदोलन
AILSRA Hunger Strike: 4541 पद खालीSECR मुख्यालय में सैकड़ों का प्रदर्शन..

छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में आज रेलवे का रनिंग स्टाफ उबल पड़ा है। (AILSRA Hunger Strike) देशभर के लोको पायलट और असिस्टेंट लोको पायलट 48 घंटे के राष्ट्रव्यापी उपवास आंदोलन पर हैं। खास बात यह उपवास भी जारी, आंदोलन भी जारी और ट्रेनों का संचालन भी जारी। यानी भूखे पेट भी देश की लाइफलाइन को थामे हुए हैं ये रनिंग स्टाफ।बिलासपुर के SECR मुख्यालय में आज सैकड़ों की भीड़ उमड़ी, जहां गुस्से में भरे रनिंग स्टाफ ने धरना दिया और अपनी आवाज बुलंद की।
रेलवे रनिंग स्टाफ का फूटा गुस्सा, (AILSRA Hunger Strike)
रनिंग स्टाफ का आरोप है कि SECR हर साल लदान का नया रिकॉर्ड बना रहा है, लेकिन इसी जोन में रनिंग स्टाफ के 4541 पद खाली पड़े हैं। कमी का खामियाज़ा भुगतना पड़ता है उसी स्टाफ को कई-कई घंटे अतिरिक्त काम, न समय पर आराम,न छुट्टी,और न ही स्वस्थ जीवन।इसका सीधा असर उनकी सेहत,उनके परिवार और उनकी सामाजिक जिम्मेदारियों पर हो रहा है।इधर वेतन और भत्तों में कटौती ने स्थिति को और बदतर कर दिया है।जबकि देशभर के कर्मचारियों को 50% महंगाई भत्ता होने के बाद 25% भत्तों में बढ़ोतरी मिल चुकी है, वहीं रनिंग स्टाफ के माइलेज भत्ते में बढ़ोतरी से रेलवे प्रशासन ने साफ इनकार कर दिया है।
साथ ही TA का 70% हिस्सा जो माइलेज में शामिल होता है।उसे टैक्स-फ्री भी नहीं किया गया, जबकि नियम साफ कहता है कि TA पूरी तरह टैक्स-फ्री है।इसके अलावा एप्टीट्यूड टेस्ट में अनुपयुक्त समझे गएकर्मचारियों के 30% वेतन तत्व काटने का आदेश आग में घी का काम कर रहा है।रनिंग स्टाफ की मांग है कि रेल दुर्घटनाओं की निष्पक्ष जांच हो, SPAD शून्य मिशन को गंभीरता से लागू किया जाए, और कर्मचारियों के साथ अन्याय बंद हो।
उपवास भी… आंदोलन भी…और ट्रेनें भी लोको पायलटों का अनोखा विरोध पूरे देश में शुरू
उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि मांगे नहीं मानी गईं तो आगे और उग्र आंदोलन होगासांसद निवास तक घेराव की स्थिति बन सकती है।आज देशभर का रनिंग स्टाफ भूखे रहकर ट्रेनें चला रहा है।उनकी यह लड़ाई हक, सम्मान और सुरक्षित रेलवे संचालन के लिए है। अब देखना होगा की इस पर रेलवे प्रशासन इनकी बातों को संज्ञान लेकर क्या कार्यवाही करता है।





