भोपाल गैस त्रासदी की 41वीं बरसी: तीसरी पीढ़ी तक पहुंचा MIC गैस का जहर, कैंसर और दिमागी क्षति के बढ़ते मामले

भोपाल। दुनिया की सबसे भीषण औद्योगिक दुर्घटनाओं में शामिल भोपाल गैस त्रासदी को 41 साल पूरे हो गए, लेकिन इसका दुष्प्रभाव आज भी खत्म नहीं हुआ है। Methyl Isocyanate (MIC) गैस का जहर अब तीसरी पीढ़ी तक पहुंच चुका है। प्रभावित परिवारों के बच्चों में कैंसर, मस्तिष्क क्षति, शारीरिक विकृतियां और प्रतिरोधक क्षमता में कमजोरी जैसे गंभीर मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

पीड़ित परिवारों का कहना है कि हादसे के इतने साल बाद भी उनकी जिंदगी सामान्य नहीं हो पाई है। कई परिवारों में गर्भपात, शिशु मृत्यु दर और जन्म दोषों के मामले सामान्य आबादी की तुलना में कई गुना ज्यादा देखे जा रहे हैं। वहीं, स्वास्थ्य सुविधाएं और उपचार व्यवस्थाएं आज भी अपर्याप्त हैं। मरीज कहते हैं कि सरकारी अस्पतालों में उन्हें सिर्फ सामान्य दवाएं मिलती हैं, जबकि गंभीर बीमारियों के लिए उचित इलाज की जरूरत होती है।

पीड़ित संगठनों ने आरोप लगाया है कि सरकार की ओर से उचित पुनर्वास और मुआवजा अब भी लंबित है। उनका कहना है कि न्याय और सम्पूर्ण इलाज के अभाव में 3 दिसंबर सिर्फ ‘बरसी’ नहीं, बल्कि एक दर्द की लंबी कहानी बन चुका है, जो आज भी जारी है।

Show More
Back to top button
जम्मू-कश्मीर में बारिश से अपडेट सोनम ने ही राजा को दिया था खाई में धक्का… आरोपियों ने बताई सच्चाई
जम्मू-कश्मीर में बारिश से अपडेट सोनम ने ही राजा को दिया था खाई में धक्का… आरोपियों ने बताई सच्चाई