Dilapidated School DEO’s Instructions : जर्जर स्कूलों में गढ़ा जा रहा देश का भविष्य
Dilapidated School DEO's Instructions : बदहाल इमारतों में स्कूल संचालन नहीं करने डीईओ का निर्देश

Dilapidated School DEO’s Instructions : जर्जर स्कूलों में गढ़ा जा रहा देश का भविष्य
छत्तीसगढ़ के जर्जर स्कूल भवनों में अब बच्चों की पढ़ाई नहीं कराई जाएगी।(Dilapidated School DEO’s Instructions ) स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के कलेक्टरों को सख्त निर्देश जारी किया है। पत्र में कहा गया कि जहां भवन की हालत खराब है, वहां बच्चों को किसी दूसरे सुरक्षित सरकारी भवन या कमरे में पढ़ाया जाए। साथ ही खतरनाक स्कूलों की मरम्मत जल्द कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।
Dilapidated School DEO’s Instructions : बदहाल इमारतों में स्कूल संचालन नहीं करने डीईओ का निर्देश
बिलासपुर जिले में जर्जर स्कूलों की संख्या 302 है। उन सभी शाला भवनों को जमींदोज करने की कार्रवाई की जा रही है। इसके बाद भी कुछ स्कूलों के जर्जर भवनों में अभी भी बच्चे पढ़ रहे है। शिक्षा विभाग के निर्देश के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने जिले के सभी बीईओ और स्कूल प्राचायों को पत्र भेजा है। जिसमे कहा गया है कि किसी भी हालत में जर्जर भवनों में पढ़ाई न कराई जाए। पंचायत और स्कूल प्रबंधन समिति की मदद से वैकल्पिक व्यवस्था की जायेगी।
Dilapidated School DEO’s Instructions : अभी तक इन स्कूलों को मरम्मत नहीं कराने से स्कूल शिक्षा विभाग नाराज है।
बिलासपुर जिले में कुल 1,857 स्कूल हैं, जिनमें 1,113 प्राइमरी, 518 मिडिल, 103 हाई और 123 हायर सेकेंडरी स्कूल शामिल हैं। इनमें से 302 स्कूल मरम्मत योग्य हालत में पाए गए हैं। बारिश के चलते कई स्कूलों की छतें टपक रही है, दीवानों में दरारें आ गई हैं। और फर्स उखड़ गए हैं। पहले से ही इन स्कूलों की हालत खराब थी।
अभी तक इन स्कूलों को मरम्मत नहीं कराने से स्कूल शिक्षा विभाग नाराज है। कहा गया है कि किसी भी स्थिति में जर्जर शाला भवन में छात्रों को अध्यापन कार्य नहीं कराया जाना है। ऐसे भवनों के स्थान पर किसी सरकारी भवन या कक्ष में छात्र छात्राओं के अध्यापन की व्यवस्था किए जाएं।





