बर्न। स्विट्जरलैंड सरकार ने भारत से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले लिया। स्विस सरकार के इस फैसले के बाद अब वहां काम करने वाली भारतीय कंपनियों को 1 जनवरी 2025 से 10% टैक्स ज्यादा टैक्स देना होगा। स्विट्जरलैंड ने डबल टैक्स अवॉइडेंस एग्रीमेंट के तहत भारत को MNF राष्ट्र का दर्जा दिया था।
शुक्रवार को स्विट्जरलैंड की तरफ से कहा गया भारतीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह से उसे यह कदम उठना पड़ा है। दरअसल पिछले साल नेस्ले से संबंधित एक मामले में भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि DTAA तब तक लागू नहीं किया जा सकता जब तक कि इसे इनकम टैक्स एक्ट के तहत नोटिफाई न किया जाए।
इस फैसले का मतलब था कि नेस्ले जैसी कंपनियों को अपने लाभांश पर ज्यादा टैक्स देना होगा। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि विदेशी संस्थाओं में या उनके लिए काम करने वाली कंपनियों और व्यक्तियों को डबल टैक्स न देना पड़े। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया। बता दें कि नेस्ले स्विट्जरलैंड की कंपनी है। इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के वेवे शहर में है।
क्या होता है MFN
UNO (संयुक्त राष्ट्र संघ) की एक संस्था वर्ल्ड ट्रे़ड ऑर्गनाइजेशन (WTO) है। 164 देश इसके सदस्य हैं। इसके तहत आने वाले सभी देश एक दूसरे को मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा देते हैं। यह दर्जा दिए जाने के बाद बिना किसी भेदभाव के सभी देश एक दूसरे के साथ आसनी से बिजनेस कर सकते हैं।