नई दिल्लीः अरविंद केजरीवाल आज मंगलवार को विधायक दल की बैठक के बाद नए सीएम के नाम का ऐलान करेंगे. बता दें कि 13 सितंबर को शराब नीति केस में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद केजरीवाल ने 15 सितंबर को मुख्यमंत्री पद छोड़ने का ऐलान किया था. उन्होंने कहा था कि, ‘अब जनता तय करे कि मैं ईमानदार हूं या बेईमान। जनता ने दाग धोया और विधानसभा चुनाव जीता तो फिर से कुर्सी पर बैठूंगा.’
3 प्वॉइंट में जानिए, केजरीवाल ने इस्तीफा क्यों दिया
1. मुख्यमंत्री तो हैं, लेकिन पावर नहीं दिल्ली शराब नीति केस में अरविंद केजरीवाल 177 दिन बाद जमानत पर जेल से बाहर आए। सुप्रीम कोर्ट ने शर्त रखी कि वे CM ऑफिस नहीं जाएंगे और न ही किसी फाइल पर साइन करेंगे, यानी जेल से बाहर आने और मुख्यमंत्री रहते हुए भी उनके पास पावर नहीं रहा.
2. सिर्फ 5 महीने का कार्यकाल बचा दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल फरवरी 2025 में खत्म हो रहा है। यानी सरकार के पास चुनाव में सिर्फ 5 महीने ही बचे हैं. इस दौरान सरकारें लोक-लुभावन चुनावी फैसले लेती हैं. केजरीवाल कोर्ट की शर्तों में बंधे हैं। जेल से छूटने के बाद केजरीवाल के साथ सहानुभूति है. दो-तीन महीने पहले दिल्ली में चुनाव की मांग कर केजरीवाल इसे भुनाना चाहेंगे.
3. ईमानदार नेता की छवि को मजबूत करेंगे दिल्ली शराब नीति केस में नाम आने और गिरफ्तारी के बाद से ही भाजपा के नेता अरविंद केजरीवाल से मुख्यमंत्री पद छोड़ने की मांग कर रहे थे. केजरीवाल ने अब इस्तीफे का ऐलान कर दिया है. अब वे भाजपा नेताओं को सीधे कह सकेंगे कि सिर्फ आरोप रहते मैंने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया. अब मेरी ईमानदारी का फैसला जनता करेगी.